31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम
मुनि सुमतिकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में 31वें विकास महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुनिश्री ने अपने वक्तव्य में बताया कि विकास महोत्सव की शुरुआत दिल्ली से हुई। मुनिश्री ने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टि से विकास के पांच आयाम है- ज्ञान, दर्शन, चरित्र, तप और वीर्य। गुरुदेव श्री तुलसी के शासनकाल में जन संवाद ,कला, साहित्य, विहार, तपस्या, दीक्षा इत्यादि धर्म संघ के हर क्षेत्र में विकास हुआ है। मुनि देवार्यकुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मनुष्य उत्सव प्रिय प्राणी है। तेरापंथ संघ की बात करें तो यहाँ चार महोत्सव प्रचलित हैं- मर्यादा महोत्सव, भिक्षु चरमोत्सव, विकास महोत्सव और पट्टोत्सव। तेरापंथ महिला मंडल के द्वारा गीतिका का संगान किया गया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की सदस्या विनिता बेंगानी ने मुनि सुमति कुमार जी के संसारक्षीय माता श्रद्धानिष्ठ श्राविका किरण बाई आंचलिया के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया किरण बाई हमारे धर्मसंघ की सर्वप्रथम सुमंगल साधिका है। जो हर वर्ष भावना चौके में आठ माह सेवा में रत रहते हैं। मुनिश्री ने नैना गादिया को 36 की तपस्या के प्रत्याख्यान करवाए।