मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

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मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन

साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में शीतल कच्छारा धर्मपत्नी अमित कच्छारा के मासखमण तप का अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा - जिस प्रकार गारूडी मंत्रों के द्वारा भयंकर से भयंकर विषधर को पकड़कर उसका विष निकाला जा सकता है। वैसे ही व्यक्ति तपस्या के द्वारा भयंकर से भयंकर से बंधें हुए कर्मों को काट सकता है। सफलता प्राप्त करने का बहुत बड़ा साधन है - तपस्या। चक्रवर्ती भी छह खंड जीतने के लिए 13 बार तेले की आराधना करता है। भगवान ने कहा है- पूर्व कृत कर्मों को क्षीण करने का, तेज धार वाला शस्त्र है तपस्या। साध्वी वृंद ने गीत के द्वारा तपस्या की अनुमोदना की। मासखमण तप के उपलक्ष्य में प्राप्त साध्वीप्रमुखाश्री जी के संदेश का वाचन सभा के अध्यक्ष निर्मल नाहटा ने किया। महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। महिला मंडल की अध्यक्ष ममता सामोता, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री आनंद लोढ़ा, टीपीएफ के अध्यक्ष सोहित कोटडिया ने अनुमोदना के स्वर रखे। तपस्वी बहन शीतल कच्छारा को सभा की ओर से अभिनंदन प्रत्र भेंट किया गया, जिसका वाचन सभा के मंत्री राकेश भंडारी ने किया। परिवार की ओर से गोपीलाल समोता और डोली कच्छारा ने अपने भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी गीतार्थप्रभाजी ने किया।