घोर तपस्वी की श्रेणी में अंकित होगा तेरा नाम
तब की ज्योत जली पावन, आंगन में उजियार।
साहसमय यह कदम तुम्हारा, करने आत्मोद्धार।
आया रे आया तप का यह त्यौहार, लेकर संयममय उपहार।।
धैर्यप्रभा का धैर्य अडौल, हिम्मत खूब दिखाई है।
तप से अपने जीवन की राहें नहीं सजाई है।
देखी ममता अरु समता, तुम पर हमको नाज है।
फौलादी संकल्पों से किया तप आगाज है।
तप की अमर निशानी है, अचरज भरी कहानी है।
शक्ति भक्ति से सज्जित है, सांसों का हर तार।।
तन का सार निकाला तुमने, गुरु सान्निध्य में गुरुत्तर काम।
घोर तपस्वी की श्रेणी में, अंकित होगा तेरा नाम।
ज्योति चरण के आभावलय में जीती तुमने बड़ी है।
मोह मिटाया देह का, विदेह साधना साधी है।
ऐतिहासिक दीक्षा तुम्हारी है, ऐतिहासिक तप की क्यारी है।
शुक्ल ध्यान की श्रेणी चढ़कर, करो साक्षात्कार।।
गण की नींवे तप से गहरी, भिक्षु का वरदान है।
महातपस्वी की शरण पा महातप में प्रस्थान है।
उदितोदित जीवन हो तेरा मंगल भाव सजाते हैं।
तप की महिमा देवलोक से, देवता भी गाते हैं।
कैसी रजपूती दिखलाई सुनकर सब की गति चकराई।
उर्ध्वारोहण हो आत्मा का, भाव भरे उद्गार।।