साधना के द्वारा नशामुक्त बनें

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साधना के द्वारा नशामुक्त बनें

उदयपुर। डॉ. साध्वी परमयशाजी के सान्निध्य में अणुव्रत सप्ताह के अंतर्गत नशामुक्ति दिवस के कार्यक्रम का समायोजन हुआ। साध्वीश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री तुलसी ने हिंदुस्तान में एक लाख किमी की पदयात्राएं की। आचार्यश्री महाश्रमण जी की अहिंसा यात्रा के दौरान भी कई लोगों ने नशामुक्ति, नैतिकता, सद्भावना कके संकल्प स्वीकार किए। पद, पैसे, प्रतिष्ठा, पढ़ाई, शक्ति, रूप आदि का नशा तो कईयों को होता है। परंतु प्रभु की भक्ति में नशा लगता नहीं है। जब भगवान में नशा लगता है तो तमाम नशे नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। आपने आगे कहा कि दीर्घश्वास प्रेक्षा का प्रयोग करें। 'मैं नशा नहीं करूंगा', ऐसी शब्दावली के माध्यम से संकल्प करें। समवृत्ति श्वास का प्रयोग करें, सौभाग्य का सूरज उगाएं। साध्वी विनम्रयशाजी ने कविता के माध्यम से भावों की प्रस्तुति की। साध्वीवृंद ने नशामुक्ति की प्रेरणा स्वरुप गीत का संगान किया।