वास्तुशास्त्र की उपयोगिता एवं स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन

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वास्तुशास्त्र की उपयोगिता एवं स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन

साध्वी कुन्दनरेखाजी के सान्निध्य एवं तेरापंथ सभा दिल्ली, अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास, अग्रवाल मित्र परिषद के संयुक्त तत्वावधान में वास्तुशास्त्र की उपयोगिता एवं स्वास्थ्य विषय पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन अणुव्रत भवन के प्रांगण में रखा गया। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया ने वास्तु विशेषज्ञ आलोक दूगड़, आगंतुक पदाधिकारी गण सहित पूरी परिषद का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वास्तु जीवन का विज्ञान है, जैन आगमों में इसका वर्णन विस्तार से उपलब्ध होता है। इस अवसर पर साध्वी कुन्दनरेखा जी ने कहा वास्तु एक विज्ञान है। यह केवल जमीन, मकान, ऑफिस तक सीमित कर दिया गया है। जीवन के बिना वास्तु का कोई उपयोग नहीं।
साध्वीश्री ने कहा जीवन जीने में श्वास का अत्यधिक महत्व है, अगर श्वासों की गति समझ ली जाए, श्वासों के साथ लयबद्ध तरीके से जीना आ जाये तो अद्भुत चमत्कार घटित हो सकता है। श्वासोच्छवास की प्रक्रिया जहां हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है वहीं उसकी सजगता आत्म शोधन के मार्ग को प्रशस्त भी करती है। वास्तु का ज्ञान वह विद्या है जो दिशाएं और दशाओं को ही केवल नहीं बदलती बल्कि कर्म निर्जरा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वास्तुविज्ञ आलोक दुगड़ ने वास्तु ज्ञान का गंभीरता से विश्लेषण किया और कहा हमारे जीवन में उसका अत्यधिक प्रभाव पड़ता है, जहां हम निवास करते हैं। उसके साथ-साथ उन्होंने स्वास्थ्य विज्ञान पर चर्चा करते हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां जनता के सामने रखी, जो अभी तक वैज्ञानिकों की निगाहों से ओझल हैं।
तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया, अणुव्रत न्यास के पदाधिकारी गण एवं अग्रवाल मित्र परिषद के अध्यक्ष संजय जैन, दिल्ली सभा के मंत्री प्रमोद घोड़ावत आदि वरिष्ठ व्यक्तियों ने आलोक दूगड़ को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल दूगड़ ने कुशलता पूर्वक किया।