मर्यादा, अनुशासन  एवं संगठन हैं तेरापंथ के प्राण तत्त्व

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मर्यादा, अनुशासन एवं संगठन हैं तेरापंथ के प्राण तत्त्व

मण्डिया। महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया, कार्यकारिणी सदस्य संजय बाठिया एवं प्रकाशजी लोढा संगठन यात्रा के अंतर्गत मण्डिया पधारे। सभा के अध्यक्ष सुरेश भंसाली ने स्वागत किया। साध्वी संयमलताजी ने श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा तेरापंथ एक प्राणवान एवं शक्तिशाली धर्मसंघ है। जहां मर्यादा, अनुशासन एवं संगठन इसके प्राण तत्त्व हैं। तेरापंथ की अनेक संस्थाओं में संस्था शिरोमणि तेरापंथ महासभा है। मनसुखलाल सेठिया केवल कार्यकर्ता नहीं बल्कि एक श्रावक कार्यकर्त्ता हैं, श्रमणोपासक हैं और आध्यात्मिक जीवन जीने वाले हैं। इनका पूरा जीवन गुरुदेव के इंगित के प्रति समर्पित है। हम सभी गुरुदेव के प्रति पूर्ण समर्पित होकर इस धर्मसंघ को और तेजस्वी, यशस्वी बनाते रहें।
साध्वी मार्दवश्रीजी ने कहा- आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है, हमारे आठवें आचार्य कालूगणी की आवश्यकता ने महासभा का आविष्कार किया। तेरापंथ महासभा धर्मसंघ को तेजस्वी बनाने में योगभूत बन रही है। महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने संगठन को मजबूत बनाने, संघीय कार्यों में सहभागिता हेतु आह्वान करते हुए तेरापंथ महासभा की योजनाओं को प्रस्तुत किया। श्रावकों ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया।