नवाह्रिक आध्यात्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया
मुनि सुधाकर कुमार जी के सान्निध्य में नवरात्रि के शुभ अवसर पर नवाह्रिक आध्यात्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। यह अनुष्ठान नियमित प्रवचन श्रृंखला 'विघ्न हरण की ढाल' के साथ जय समवशरण में संपन्न हुआ। मुनि सुधाकर जी ने उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नवरात्रि के नौ दिनों का जैन धर्म में भी विशेष महत्व है। नवरात्रि शक्ति की उपासना का सर्वोत्तम समय है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म के प्रत्येक तीर्थंकर की अपनी अधिष्ठायक देवियां होती हैं, जो इस उपासना की महत्ता को दर्शाती हैं। जैन धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है, मंत्र साधना से सिद्धि और शक्ति प्राप्त की जा सकती है। जो कार्य सामान्य साधनों से संभव नहीं हो पाता, वह साधना से सिद्ध किया जा सकता है। मुनिश्री ने कई उदाहरणों के माध्यम से मंत्रों की शक्ति को स्पष्ट किया। मुनि नरेश कुमार जी ने नवाह्रिक आध्यात्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत मंत्रों का उच्चारण कराते हुए अनुष्ठान संपन्न करवाया।