चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन
साध्वी संयमलता जी ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसकी शुरुआत साध्वीश्री के मंगल मंत्रोच्चार से हुई। पहले चरण में, मैसूर से आए योग ट्रेनर संतोष कोठारी ने एक घंटे की योग क्लास ली, जिसमें महिलाओं को योगासन, स्वास प्रेक्षा, अनुलोम-विलोम और प्राणायाम सिखाया गया। उन्होंने सभी को दिन में कम से कम आधा घंटा योग और प्राणायाम के लिए समय निकालने की प्रेरणा दी। दूसरे चरण में तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा पूनम बोहरा ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। साध्वी संयमलता जी ने अपने उद्बोधन में 'स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज' योजना के तहत चित्त समाधि कार्यशाला का उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में हमें बचपन, यौवन और बुढ़ापे जैसे तीन खजाने मिलते हैं, और अभातेममं समय-समय पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करती है ताकि जीवन में बदलाव लाया जा सके। उन्होंने चित्त की निर्मलता और सहिष्णुता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि सफलता के लिए वीरता और गंभीरता आवश्यक हैं। साध्वी मार्दवश्री जी ने घर को स्वर्ग बनाने के उपाय बताए। साध्वीश्री ने योग और प्रेक्षा ध्यान के कई प्रयोग कराए। महिला मंडल की बहनों ने चित्त समाधि पर गीतिका द्वारा मंगलाचरण किया। साध्वी रौनक प्रभा जी ने मन की स्थिरता को चित्त समाधि में सहायक बताया। कार्यक्रम के तीसरे चरण में मैसूर से पधारी उपासिका वनीता बाफना ने क्रोध को नियंत्रित करने के उपाय बताए। उन्होंने समझाया कि क्रोध आने पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए और क्रोध को शांत करने के प्रयोग सिखाए। अंत में साध्वीश्री के मंगल पाठ के साथ चित्त समाधि कार्यशाला का समापन हुआ। महिला मंडल मंत्री टीना दक ने सभी का आभार व्यक्त किया।