अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न आयोजन
साध्वी मधुस्मिता जी के सान्निध्य और साध्वी काव्यलताजी के निर्देशन में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत अहिंसा दिवस का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि अहिंसा का अर्थ है मन, वचन और काया से हिंसा न करना। मन में किसी भी जीव के प्रति हिंसा का भाव नहीं आना चाहिए, वचन से किसी का मन नहीं दुखाना चाहिए, क्योंकि वचन से दिया गया घाव भरना कठिन होता है। संकल्पपूर्वक किसी जीव की हिंसा न करें। परम पूज्य गुरुदेव अहिंसा के पुजारी और परम साधक हैं। हम अपने घर में शांति और सहिष्णुता का वातावरण बनाएं, तभी अहिंसा की साधना संभव हो सकती है। मोटेरा से समागत लक्ष्मीपत बोथरा ने अपने विचार व्यक्त किए।