मासखमण तप अभिनंदन समारोह का आयोजन
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ. मुनि पुलकितकुमार जी के सान्निध्य एवं स्थानकवासी श्रमणसंघ के उपप्रवर्तक मुनि अक्षयऋषिजी आदि संतों की गरिमामय उपस्थिति में चंदनबाला हेमराज समदरिया (बीड) तथा 21 वर्षीय युवक नैतिक सुशील कुमार आंचलिया (देवलगांवमही) के मासखमण तप अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथ सभा बीड़ द्वारा किया गया। मुनिश्री द्वारा नवकार महामंत्र उच्चारण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुनि अक्षयऋषि जी, मुनि अमृतऋषि जी, मुनि गीतार्थऋषि जी तथा 'नचिकेता' मुनि आदित्य कुमार जी ने तप की महिमा बताते हुए तप अनुमोदना की। मंगलाचरण तेरापंथ कन्या मंडल ने किया। तेरापंथी सभा अध्यक्ष संजय समदरिया, तेयुप अध्यक्ष अरिहंत समदरिया, महिला मंडल अध्यक्ष सविता मरलेचा, उपासक सुभाषचंद्र समदरिया, मुमुक्षु ऋषिका ने तप अनुमोदन में अपने भाव व्यक्त किये। ओझल समदरिया ने साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी के मंगल संदेश का वाचन किया।
डॉ. निर्मल जोगड़, नवलचंद्र दूगड़, चंदनमल सामरे, राजेंद्र आंचलिया, परेश धोका, किरण मुथा, सुनीता छाजेड़, कृषा प्रेक्षा समदरिया, स्थानकवासी समाज से उज्जवल कोटेचा, रोशन गेलडा, संपतमल कोटेचा, विजयराज बम्ब, धनराज गेलड़ा, कमला लोढ़ा, शकुंतला वेदमुथा, सुनीता संचेती, तेरापंथ महिला मंडल बहिनों तथा पारिवारिक बहनों द्वारा गीत एवं वक्तव्य के माध्यम से तप अनुमोदना की गई। कार्यक्रम में पूर्व राज्य मंत्री जयदत्त अन्ना क्षीरसागर, पत्रकार दिलीप खिस्ती, राजेंद्र मस्के, डॉ. पीके कुलकर्णी ने भी तपस्वी के प्रति मंगल कामना व्यक्त की। तेरापंथी सभा द्वारा सभी अतिथियों का साहित्य से सम्मान किया गया। तपस्वी का अभिनंदन श्रावक-श्राविकाओं द्वारा तपस्या का संकल्प लेकर एवं तेरापंथ सभा तथा स्थानकवासी समाज द्वारा अभिनंदन पत्र, साहित्य एवं पचरंगी दुपट्टा ओढाकर किया गया। कार्यक्रम में सिलोड, चालीसगांव, जालना, औरंगाबाद, भुसावल, जलगांव, नेर, लोणार, देवलगांवमाही, हैदराबाद, अंबाजोगाई, लातूर आदि क्षेत्रों के श्रावक-श्राविकाएं अच्छी संख्या में उपस्थित थे। आभार ज्ञापन दीपेश समदड़िया तथा कार्यक्रम का संचालन रजनी समदड़िया, मोक्षा समदड़िया ने किया।