उत्साह को प्रवर्धमान करता है सम्मान

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उत्साह को प्रवर्धमान करता है सम्मान

महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी मंजूयशा जी ठाणा-4 एवं श्रमण संघ की साध्वी कमलप्रभा जी ठाणा-5 के सान्निध्य में नाथद्वारा सकल जैन समाज की ओर से समाज के वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाओं का सम्मान समारोह एवं जैन समाज के 90% से ऊपर अंक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह तेरापंथ भवन नाथद्वारा में रखा गया। इस कार्यक्रम
में विशेष अतिथि के रूप में पंजाब प्रांत के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया उपस्थित हुए।
कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वी कमलप्रभा जी ने नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से किया। सकल जैन समाज के अध्यक्ष ईश्वरचंद्र समोता ने मुख्य अतिथि महोदय एवं सभी वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाओं तथा मेधावी छात्र-छात्राओं का हार्दिक स्वागत किया। जैन समाज की महिलाओं ने मंगल गीत प्रस्तुत किया। साध्वी कमलप्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अनेक व्यक्ति के समूह को समाज कहा जाता है। जिन व्यक्तियों ने अपने जीवन को अध्यात्म के साथ सामाजिक सेवाएं दी है, उनमें शिक्षा के साथ संस्कारों का भरपूर खजाना भरा है। ऐसे वरिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान करना समाज के लिए अत्यंत गौरव की बात है। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान करना भी उनके उत्साह को प्रवर्धमान करना है। यह भी हमारे समाज के भावी कर्णधार है।
साध्वी मंजूयशा जी ने कहा - समाज के वरिष्ठ भाई-बहिनों ने तन-मन-धन से समाज के प्रति समर्पित होकर सेवाएं दी है। जिनके पास अच्छे संस्कारों की अमूल्य संपदा है, जो आगामी विरासत है। जिन्होंने चारित्रवान जीवन जिया है, जिनकी तपस्या है, श्रम है, समाज को आगे बढ़ाने में जिनका योगदान है, उनका सम्मान समाज का सम्मान है। इसके साथ मेधावी छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रखर मेधा से शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर अच्छे अंक प्राप्त किये। शिक्षा के साथ अच्छे संस्कारों का यानि विनम्रता, शालीनता, व्‍यवहार कुशलता, गुरुजनों के प्रति, बड़ों के प्रति सम्मान का भाव, सेवा भाव, जीवन चरित्रवान होगा तो उस विद्यार्थी का जीवन सुंदर सरस एवं गौरवमय होगा। साध्वीश्री ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी।
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने अपने जीवन के अनुभव सुनाते हुए कहा जीवन ऐसी वाटिका है जिसमें शिक्षा के साथ साधु संतों की प्रेरणा, बुजुर्ग माता-पिता के द्वारा प्राप्त संस्कार जीवन में आगे बढ़ाने हेतु विशेष महत्व रखते हैं। इस अवसर पर साध्वी लब्धिप्रभा जी एवं साध्वी चिन्मयप्रभा जी ने भी अपनी विचारों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में लक्ष्मीलाल बडाला, मांगीलाल लोढ़ा ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी।
इस कार्यक्रम में 15 वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाओं और 45 छात्र -छात्राओं का सम्मान किया गया। श्रमण संघ संप्रदाय के अध्यक्ष संपतमल लोढ़ा, ज्ञानगच्छ संप्रदाय के मदनलाल सियांल, मूर्तिपूजक संप्रदाय के अध्यक्ष राजेश मारवाड़ी, दिगंबर संप्रदाय के अध्यक्ष कमल जैन एवं तेरापंथ सभा के अध्यक्ष विश्वजीत जैन आदि सहित जैन समाज के अनेक वरिष्ठ महानुभाव एवं श्रावक-श्राविकाएं अच्छी संख्या में उपस्थित थे। आभार ज्ञापन सकल जैन समाज के मंत्री सौरभ लोढ़ा ने किया। कार्यक्रम का संचालन निर्मल छाजेड़ ने किया।