गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्म दिवस पर विविध कार्यक्रम
केन्द्र व्यवस्थापिका ‘शासनश्री’ साध्वी कुंथुश्री जी के सान्निध्य में गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी का 111वां जन्म दिवस अणुव्रत दिवस के रूप में आयोजित किया गया। मंगलाचरण साध्वी सरसप्रभाजी ने सुमधुर गीत से किया। साध्वी कुंथुश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा- आचार्य श्री तुलसी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनका व्यक्तित्व विराट था, कर्तृत्व निराला था। वे एक अलबेले राष्ट्र संत थे। उन्होंने देश के चारित्रिक उन्नयन हेतु अणुव्रत आन्दोलन का सूत्रपात किया, मानव की समस्याओं का समाधान किया, नई रोशनी प्रदान की। पंजाब समस्या, राजीव लोंगोवाल समझौता में विशिष्ट भूमिका रही। अशान्त विश्व को शांति का संदेश दिया। उनके अनुपम अवदानों से सारा मानव समाज उपकृत रहेगा। साध्वी ललिताश्री जी, साध्वी सम्पतप्रभाजी, साध्वी आलोकप्रभाजी ने भाषण कविता के माध्यम से भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी वृन्द ने ‘तुम ज्योति बन उतरे चन्देरी के प्रांगण में’ सुमधुर गीत से वातावरण संगीतमय बना दिया। सभा के मंत्री प्रदीप पुगलिया, सुमन पुगलिया आदि ने वक्तव्य एवं गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सुमंगलाश्रीजी ने किया।