शरद पूर्णिमा पर अनुष्ठान का आयोजन
तेरापंथ सभा भवन, गांधीनगर में आश्विन पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) के पावन अवसर पर 'लोगस्स कल्प' जप अनुष्ठान का भव्य और सफल आयोजन हुआ। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में लगभग 400 श्रद्धालुओं ने भाग लिया और साध्वी उदितयशा जी ठाणा-4 के सान्निध्य में मंत्र जप और साधना का अनुभव प्राप्त किया। साध्वीश्री ने जीवन में शांति और सुख प्राप्ति के उपाय बताते हुए कहा कि शुक्ल लेश्या का चंद्रमा निर्मल होता है, इस दिन अमृत की वर्षा होती है। चंद्रमा को औषधिपति भी कहा जाता है, जिससे इस दिन कई जड़ी-बूटियां औषधियों में परिवर्तित हो जाती हैं। चंद्रमा की शीतल रश्मियों के साथ किए गए इस दिव्य अनुष्ठान से उपस्थित लोगों के तन-मन में अलौकिक ऊर्जा का संचार हुआ। साधकों ने मंत्रों की दिव्य तरंगों और साधना से मानसिक शांति और सकारात्मकता की अनुभूति की। पहले चरण में साध्वी भव्ययशा जी ने मंत्रों से सुदृढ़ कवच का निर्माण करवाया और ध्वनि के माध्यम से नेगेटिविटी का रेचन करवाया। संपूर्ण कार्यक्रम तीन चरणों में सम्पन्न हुआ : रक्षा-कवच निर्माण, लोगस्स कल्प एवं अमृत विद्या मंत्र। कई लोगों ने सफेद और हल्के रंग के परिधान धारण किए और सफेद रंग के भोजन, उपवास, आयंबिल, एकासन और रात्रि भोजन त्याग जैसे नियमों का पालन करते हुए अनुशासन और समर्पण के साथ इस अनुष्ठान में भाग लिया। कार्यक्रम में सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली, युवक परिषद मंत्री राकेश चोरड़िया, महिला मंडल अध्यक्षा रिजूबाला डुंगरवाल एवं संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।