खुशियों की दीपावली कार्यशाला का हुआ आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित खुशियों की दीपावली कार्यशाला का आयोजन कांदिवली-मालाड महिला मंडल ने साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन कांदिवली में किया। साध्वी अतुलयशा जी के नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला की शुरुआत की गई। कांदिवली-मालाड की बहनों के द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। तत्पश्चात् कांदिवली महिला मंडल अध्यक्षा विभा श्रीश्रीमाल ने सभी का स्वागत करते हुए आत्मा के विमोचन विषय पर विचार व्यक्त करके अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते हुए दीपावली मनाने की शुभकामनाएं प्रेषित की। साध्वी अतुलयशा जी ने भगवान महावीर की आराधना करते हुए सामायिक के साथ सुव्यवस्थित तरीके से अनुष्ठान संपादित करवाया। साध्वी डॉ.राजुलप्रभा जी ने कहा कि भगवान महावीर की आत्मा के विमोचन से ही दीपावली पर्व की शुरुआत हुई और हमें भी कर्मों का बंधन कैसे कम हो, उस पर ध्यान देकर हमारी आत्मा के विमोचन की और अग्रसर होना है।
अ.भा.ते.म.म. से महाराष्ट्र प्रभारी संगीता चपलोत ने छोटे-छोटे संकल्पों से आध्यात्मिक दिवाली मनाने पर अपने विचार रखे। कांदिवली महिला मंडल द्वारा ज्ञान चेतना प्रश्नोत्तरी में तारा कुमठ को पुरुस्कृत किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में कांदिवली से प्रथम स्थान कोमल कोठारी, द्वितीय स्थान चेतना दुग्गड़, तृतीय स्थान तारा धाकड़ एवं सारिका कोठारी ने प्राप्त किया। मलाड से रेशमा सिंघवी और सोनिका बाफना एवं कन्या मंडल से जूही कोठारी और कृषा कोठारी प्रतियोगिता में विजयी रही। सभी विजेता बहनों को पुरुस्कृत किया गया। रंगोली प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में तत्व प्रचेता, उपासिका निर्मला नौलखा एवं रंगोली एक्सपर्ट मनीषा राठौड़ रहे। सभी बहनों ने दीपक जलाकर किसी एक व्यक्ति को क्षमा करने का संकल्प लिया।
साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम बाहरी स्वच्छता में इतने उलझ गए हैं कि आंतरिक स्वच्छता की ओर हम प्रमाद कर रहे हैं। अब हमें अंधकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान करते हुए ज्यादा से ज्यादा आत्म विमोचन की ओर ध्यान देने के लिए अनासक्ति की भावना को बढ़ाना है, विसर्जन की ओर अग्रसर होकर खुशियों की दीपावली मनानी है। डोनेशन ड्राइव के तहत बहनों ने विसर्जन किया। आभार ज्ञापन मालाड अध्यक्षा कुसुम कोठारी ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कांदिवली मंत्री नीतू दुगड़ एवं मालाड मंत्री मीना बाफना ने किया। लगभग 60 बहनों की उपस्थिति रही।