'गुड लक, गुड लाइफ' विषयक कार्यशाला का आयोजन
साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में 'गुड लक, गुड लाइफ' विषयक कार्यशाला का आयोजन जैन तेरापंथ नगर, माधावरम्, चेन्नई में हुआ। साध्वीश्री ने कहा कि नवग्रहों का शुभ या अशुभ प्रभाव व्यक्ति पर समान रूप से हर अवस्था में पड़ता है और ग्रह की चालों के अनुसार उसे विवश होकर चलना पड़ता है। कोई भी इस प्रभाव से बच नहीं सकता। हमारे अच्छे भाग्य के निर्माण का तात्पर्य है, अच्छी जिंदगी की सजावट। जीवन में सुख दुःख के कारक नवग्रह हैं। ग्रहों की पीड़ा एवं उनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए नमस्कार महामंत्र का जप काफी लाभदायक और कल्याणकारी है। साध्वी मयंकप्रभाजी ने कहा कि जब शिशु की नाभि का छिन्दन अपनी माँ से अलग हो जाता है, तब उसका सीधा संबंध पृथ्वी और प्रत्येक ग्रहों से हो जाता है। साध्वी दक्षप्रभाजी ने मधुर गीत प्रस्तुत किया।
मुख्य वक्ता मानव सिंघवी ने कहा कि हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है, और यही तत्व ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों में विद्यमान हैं। उन्होंने इनके विभिन्न केन्द्रों पर प्रभाव की जानकारी देते हुए नवग्रह आधारित तीर्थकरों का जप कराया। मुख्य वक्ता को प्रबंधन्यासी घीसुलाल बोहरा, रमेश परमार, माणकचंद राँका, तेजराज पूनमिया ने सम्मानित किया। संचालन सुरेश रांका ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रवीण सुराणा ने दिया।