आत्मा का विमोचन एवं क्षमा का अभ्यास विषय पर कार्यशाला

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आत्मा का विमोचन एवं क्षमा का अभ्यास विषय पर कार्यशाला

अभातेममं निर्देशित दीपावली - खुशियों की दीपावली के अंतर्गत आत्मा का विमोचन एवं क्षमा का अभ्यास विषय पर कार्यशाला तथा अनासक्त भावना एवं स्वच्छता विषय पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल राजराजेश्वरी नगर द्वारा रखा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के द्वारा हुआ, तत्पश्चात मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण का संगान किया गया। अध्यक्ष सुमन पटवारी ने सभी का स्वागत - अभिनंदन करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम सह संयोजिका सपना छाजेड़ ने मुख्य वक्ता बरखा पुगलिया का परिचय दिया। आशा लोढ़ा ने रंगोली प्रतियोगिता के निर्णायक दीपा मूर्ति का परिचय दिया।
बरखा पुगलिया ने 'आत्मा का विमोचन' विषय पर अभिव्यक्ति देते हुए कहा कि भगवान महावीर ने आत्म विमोचन के लिए हमारे सामने अनेक सिद्धांत एवं बिंदु उपस्थित किए। जिसका सबसे महत्वपूर्ण और प्रथम बिंदु है क्षमा। एक खुशनुमा और सुखद जीवन जीने के लिए क्षमा का होना आवश्यक है। गलतियां सभी से हो सकती हैं, यह स्वाभाविक है, ऐसे में क्षमता करने और मांगने पर कोई छोटा नहीं होता। क्षमा एक ऐसा गुण है जिसका विकास कर पूरे विश्व को अपना बनाया जा सकता है। समाज, संस्था, परिवार कहीं भी रहें, सहन करना सीखना होगा तभी हम खुशनुमा जिंदगी जी सकते हैं। दीपावली पर घर की सफाई तो सभी करते हैं इस दीपावली पर हम सबको आत्मा की सफाई करनी है, उसे उज्जवल बनाना है। सभी बहनों ने दीप जलाकर यह संकल्प किया कि अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करते हुए जीवन में अनासक्त भावना का विकास करेंगे तथा स्वच्छ एवं सरल जीवन जीने का प्रयास करेंगे। मधु कटारिया द्वारा बहनों को ज्ञानवर्धक गेम खिलाए गए। अनासक्त भावना और स्वच्छता को दर्षाते हुए बड़े उत्साह के साथ रचनात्मक रंगोली की प्रतियोगिता हुई। जिसमें 10 बहनों ने भाग लिया। प्रथम स्थान पर पूजा बरड़िया, कविता सुराना, द्वितीय सपना तातेड़, जया शामसुखा और तृतीय स्थान पर सीमा सहलोत, प्रिया छाजेड़ रहीं। गेम्स में पूजा पटावरी प्रथम एवं सीमा नाहटा द्वितीय स्थान पर रही।
आरआर नगर ज्ञानशाला को 'उत्तम ज्ञानशाला' का पुरस्कार मिलने पर सेवा दे रही प्रशिक्षिकाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन संयोजिका रुचिका पटावरी एवं सह संयोजिका सपना छाजेड़ तथा आभार ज्ञापन पदमा महेर द्वारा किया गया। मंडल द्वारा मुख्य वक्ता बरखा पुगलिया और निर्णायक दीपा मूर्ति का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में लगभग 145 बहनों की उपस्थिति रही।