स्वाध्याय से मिलती है ज्ञान रूपी रोशनी
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा गांधीनगर के तत्वावधान में साध्वी उदितयशा जी ठाणा 4 के सान्निध्य में प्रशिक्षिका बहनों के लिए 'ज्ञान की रोशनी' कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने इस अवसर पर कहा कि ज्ञान एक पवित्र चीज है, स्वाध्याय करने से ज्ञान रूपी रोशनी मिलती है, हमें सत्साहित्य का स्वाध्याय करना चाहिए। ज्ञान रूपी रोशनी से स्वयं के भीतर का अंधकार मिटता है। प्रशिक्षिकाएं अपने ज्ञान को ठोस एवं गहरा बनाएं जिससे वे अपने मूल को सुरक्षित रख सकती हैं।
साध्वी संगीतप्रभा जी ने सम्यक् ज्ञान का महत्व बताते हुए कहा कि सम्यक् ज्ञान से हम अपने भीतर के द्वीप को प्रज्वलित कर सकते हैं। साध्वी भव्ययशाजी ने प्रशिक्षिकाओं के श्रम की सराहना की। ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के अंतर्गत स्नातक उत्तीर्ण करने वाली प्रशिक्षिकाओं का सम्मान भी किया गया। केंद्र द्वारा बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर ज्ञानशाला को श्रेष्ठ ज्ञानशाला एवं मुख्य प्रशिक्षिका मंजू गन्ना को श्रेष्ठ प्रशिक्षिका सम्मान से सम्मानित किया गया। आंचलिक संयोजक माणक संचेती ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन क्षेत्रीय संयोजिका नीता गादिया ने किया। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष पारसमल भंसाली, पदाधिकारी गण के साथ अनेक गणमान्य जनों की उपस्थित रही।