सफल चातुर्मासिक प्रवास की सम्पन्नता पर आयोजित मंगल भावना समारोह
गुलाबबाड़ी स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासनश्री' साध्वी धनश्रीजी ठाणा 4 के सान्निध्य में सफलतम चातुर्मास की परिसम्पन्नता पर श्रावक समाज की ओर से मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। कोटा के श्रद्वालु श्रावक समाज ने भावविभोर होकर गद्-गद् स्वरों में साध्वीवृन्द को मंगल-भावना संप्रेषित की। साध्वी धनश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा- आज मैं सर्वप्रथम पूज्यप्रवर के श्रीचरणों में कृतज्ञता ज्ञापित करती हूं, भावना का अर्ध्य समर्पित कर रही हूँ। आपश्री की कृपादृष्टि से हमारा कोटा प्रवास आनन्ददाई, सुखदाई एवं वरदाई रहा। कोटा का श्रावक समाज श्रद्धाशील, विनयशील एवं श्रमशील है। गण एवं गणपति के प्रति निष्ठावान है। हमारे प्रवास का अच्छा लाभ उठाया है। साध्वी श्री ने कहा- कोटा समाज का हर व्यक्ति अपने गुणों की सुवास से सबको सुवासित करता रहे। प्रेम व समता की कंघी लेकर घर-परिवार व समाज की समस्याओं को सुलझाता रहे। सुई बनकर हर टूटे रिश्तों को जोड़ता रहे। साध्वी श्री ने अनेक व्यक्तियों का नामोल्लेख करते हुए उनकी सेवाओं का अंकन किया।
साध्वी शीलयशाजी ने कहा कि सास और बहुओं का जितना स्नेह, सम्मान एवं समरसता पूर्वक व्यवहार हमने यहां देखा है ऐसा कहीं नहीं देखा। साध्वी सलिलयशाजी एवं साध्वी विदितप्रभाजी ने भी सभी के प्रति मंगल कामना व्यक्त करते हुए कहा कि श्रावक समाज माता-पिता तुल्य होता है। साध्वी वृंद ने श्रावक समाज से एवं श्रावक समाज ने साध्वी वृंद से क्षमा याचना की। कार्यक्रम का प्रारंभ महिला मंडल की रुचि जैन एवं सरिता बरडिया ने मंगलाचरण से किया। इस अवसर पर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष गजराज बोथरा, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रवि बुच्चा, तेयुप अध्यक्ष सचिन जैन, तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्ष मंजू सुराणा एवं वर्तमान व पूर्व पदाधिकारियों ने भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन सभा के पूर्व मंत्री धरमचंद जैन ने किया।