आध्यात्मिक मिलन समारोह
'शासनश्री' मुनि विमलकुमार जी एवं साध्वी अणिमाश्रीजी का रोहिणी सेक्टर 3 में आध्यात्मिक मिलन हुआ। साध्वी अणिमाश्री जी पीतमपुरा से विहार कर जब रोहिणी पहुंची तो मुनित्रय ने मुख्य द्वारा तक आकर साध्वीश्री की अगवानी की। वात्सत्य एवं विनय के इस अद्भुत मिलन को देखकर श्रावक समाज भावविभोर हो गया। 'शासनश्री' मुनि विमलकुमारजी ने कहा - आज वर्षों के बाद साध्वी अणिमाश्रीजी मिलन हुआ है। साध्वी अणिमाश्रीजी हमारे धर्मसंघ की उदीयमान साध्वी, काम करने वाली साध्वी है। सुदूर प्रदेशों की यात्रा कर संघ की अत्यधिक प्रभावना की है। आपकी प्रवचन शैली की धर्मसंघ में अच्छी छाप है। आप जहां भी जाती हैं, अपने श्रम बूंदों से क्षेत्र को सरसब्ज बना देती है। दिल्ली में भी अपने बहुत अच्छा काम किया। अपनी सहवर्तिनी साध्वियों को भी अच्छा तैयार किया है। सारी साध्वियां एकमेक रहकर संघ की अच्छी प्रभावना कर रही है। आज का मिलन अध्यात्म की धाराओं का मिलन है।
साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज हम अपनी सिंवाची मालाणी की यात्रा से पूर्व आपश्री से आशीर्वाद लेने आए हैं। आप हमारे धर्मसंघ में संस्कृत व प्राकृत के प्रकांड विदान हैं। आपके ज्ञान की विशालता एवं चिंतन की गंभीरता प्रणम्य है। आपने लंबे काल तक गुरूकुलवास में रहकर गुरूओं से कृपा रत्नों को बटोरा है। आपश्री की ऋजुता, मृदुता व व्यवहार कुशलता मन को प्रफुल्लित करने वाली है। आपने सहवर्ती संतों को भी विकास के पथ पर गतिमान किया है। आपकी प्रेरणा मेरी यात्रा का पाथेय बनेगा। रोहिणी के सभाध्यक्ष विजय जैन, जैन, पीतमपुरा सभाध्यक्ष लक्ष्मीपत भूतोड़िया, नरपत मालू, दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष विमल बेंगानी ने भावों की प्रस्तुति दी। मुनि मधुरकुमार जी, मुनि अक्षयकुमार जी, मुनि धन्यकुमारजी, साध्वी कर्णिकाश्री जी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी कर्णिकाश्री जी, साध्वी डॉ. सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने गीत के द्वारा अपने भाव व्यक्त किए। मुनि धन्य कुमार जी ने भी सुमधुर स्वर लहरी प्रस्तुत की।