दो दिवसीय प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला का आयोजन
प्रेक्षा कल्याण वर्ष के अवसर पर, प्रेक्षा फाउंडेशन के तत्वावधान में डॉ. मुनि आलोक कुमार जी के सान्निध्य में एवं मुनि हिमकुमार जी, अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक ज्योतिंद्र भाई जवेरी के मार्गदर्शन में दो दिवसीय प्रेक्षा ध्यान कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ सभा द्वारा तेरापंथ भवन पुणे में किया गया। कार्यशाला के पहले दिन मुनि आलोक कुमार जी ने मंगलाचरण कर सभी को उपसंपदा करवाई। स्नेहा नाहटा द्वारा योगाभ्यास कराया गया। मुनि हिमकुमार जी ने आचार्य श्री तुलसी द्वारा रचित प्रेक्षा गीत का संगान किया और प्रेक्षा का अर्थ बताते हुए उसके महत्व को समझाया। मुनिश्री ने कहा कि प्रेक्षा ध्यान द्वारा संकल्प शक्ति मजबूत होती है, संवेग पर नियंत्रण रहता है और मन शांत व स्वभाव शीतल रहता है।
मुनि आलोक कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान के 5 सूत्र - भाव क्रिया, प्रतिक्रिया विरति, मैत्री, मिताहार, मित भाषण पर विस्तार से प्रकाश डाला। आपने प्राण ऊर्जा, प्राण शक्ति और प्राणायाम के बारे में विस्तार से बताया। प्रेक्षाध्यान कार्यशाला के मुख्य अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक ज्योतिंद्र भाई जवेरी ने दो दिवसीय कार्यशाला में प्रेक्षाध्यान के अर्थ को समझाते हुए अनेक प्रयोग कराए जैसे :- कोयोत्सर्ग , दीर्घ श्वास प्रेक्षा, ज्योति केंद्र प्रेक्षा, गमन योग आदि। आपने कार्यशाला के दौरान जीवन जीने की कला, प्रतिदिन दिनचर्या, भोजन का प्रारुप, व्यायाम आदि के ऊपर सविस्तार से जानकारी दी और सहभागियों द्वारा पूछे गए हर सवाल का कुशलता से जवाब देकर सबका मागदर्शन किया। दो दिवसीय कार्यशाला में कुल 75 सहभागियों ने भाग लिया और इस कार्यशाला को सफल बनाया।
समापन के अवसर पर सभा अध्यक्ष महावीर कटारिया एवं अन्य संस्थाओं के पदाधिकारीयों ने मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की एवं भाई ज्योतिंद्र के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यशाला को सफल बनाने में तेरापंथ सभा के साथ समाज की सभी संस्थाएं- तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम, अणुव्रत समिति के सदस्यो का पूर्ण श्रम रहा। कार्यशाला के आयोजन में प्रेक्षा ट्रेनर रतन सेठिया ने महत्वपूर्ण श्रम किया।