ज़िद छोड़ो परिवार को जोड़ो

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ज़िद छोड़ो परिवार को जोड़ो

मुनि सुधाकर जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद्, रायपुर ने एक विशेष कार्यशाला ‘मेरा भाई मेरी भुजा - भाई हो तो ऐसा हो’ का आयोजन किया। कार्यशाला में विशेष अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव आनंद पाटिल उपस्थित हुए। मुनि सुधाकर जी ने उपस्थित जनमेदिनी को संबोधित करते हुए कहा कि भाई ही भाई की भुजा होता है। भाई से बड़ा न कोई मित्र होता है न कोई शत्रु। भाई चाहे तो भाई के जीवन को स्वर्ग या नरक बना सकता है। मुनिश्री ने रामायण व महाभारत पात्रों से इस विषय पर और अधिक प्रभावशाली तथ्य प्रस्तुत करते हुए भाई-भाई के रिश्तों को परिभाषित किया।
मुनिश्री ने आगे कहा कि रामायण में जहां सिंहासन के लिए समर्पण था जिसकी परिणति हुई भाईयों में आपसी प्रेम की प्रगाढ़ता के साथ कुल की यश कीर्ति में अभिवृद्धि। वहीं महाभारत में सिंहासन के लिए ममत्व था, जिसकी परिणति हुई महायुद्ध। मुनिश्री ने कहा- ज़िद छोड़ो परिवार को जोड़ो, भाई से विपत्ति बांटों न कि संपत्ति, भाई-भाई का रिश्ता दूध शक्कर जैसा होना चाहिए। स्वार्थ को छोड़ रिश्तों को जोड़ना चाहिए, झुकना पड़े तो झुको मगर परिवार को मत झुकने दो, तेरा मेरा छोड़ हमारा की भावना जागृत करें।
कार्यशाला के अंतर्गत समायोजित तेरापंथ महिला मंडल, रायपुर द्वारा आयोजित ‘अपनी जोड़ी देवरानी जेठानी’ पर भी मुनिश्री ने मार्गदर्शन दिया। विशेष अतिथि आनंद पाटिल ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आज स्वार्थवश व उचित मार्गदर्शन के साथ परवरिश नहीं मिलने के कारण भाई-भाई के रिश्तों में मधुरता की कमी हो रही। मुनि नरेशकुमार जी ने सुमधुर गीतिका का संगान किया। कार्यशाला के आयोजन में रोशन अंकित अनेकांत जैन व गणेश चंद धीरेन्द्र कुमार जैन का विशेष योगदान रहा। कार्यशाला में मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल, संचालन व आभार वीरेंद्र डागा के साथ स्वागत वक्तव्य पकंज बैद ने दिया। कार्यशाला में ऋषभ बोथरा, वीरेंद्र मरोठी, विकास बरलोटा, जयप्रकाश चोपड़ा, संजय सिंघी, अभय गोलछा, निकुंज साचला, वैभव बोथरा, संजय बोथरा ने विशेष सहयोग किया।