दिल्ली स्तरीय मंगल भावना समारोह समायोजित
दिल्ली सभा के तत्वावधान में साध्वी अणिमाश्रीजी के दिल्ली के द्विवर्षीय सफलतम प्रवास तथा दिल्ली से सिंवाची मालाणी की ओर प्रस्थान के अवसर पर दिल्ली स्तरीय मंगलभावना समारोह, डॉ. साध्वी कुंदनरेखाजी के सान्निध्य में अणुव्रत भवन में समायोजित हुआ। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा हमारा तेरापंथ धर्मसंघ हिमगिरी के तुल्य है जिसकी चोटी पर श्रद्धा व समर्पण प्रतिष्ठित है। परमपूज्य गुरूदेव की कृपा से हमें दो वर्ष तक दिल्ली में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। दिल्ली का श्रावक समाज प्रबुद्ध, संघ और गुरु के प्रति समर्पित है। साधु-साध्वियों के इंगित की आराधना में हरपल जागरूक है। शाहदरा एवं पीतमपुरा पावस हमारे जीवन पोथी में सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। दिल्ली सभा के तत्वावधान में भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में भगवान महावीर निर्वाणोत्सव का जो भव्य संघप्रभावक कार्यक्रम हुआ वह दिल्ली सभा के इतिहास का दुर्लभ दस्तावेज होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की उपस्तिथि में विज्ञान भवन का कार्यक्रम एवं संसद भवन में अणुव्रत संगोष्ठी का आयोजन भी संघ प्रभावना को अभिर्वधित करने वाला रहा। जो कुछ भी हुआ वह गुरु कृपा एवं गुरुदेव के मंगल आशीर्वाद से हुआ। मैं सब कुछ पूज्यचरण में समर्पित कर आनंद की अनुभूति कर रही हूँ एवं यही मंगलकामना करती हूँ की पूज्यचरण के आशीर्वाद से निरामयता के साथ संघ प्रभावना में योगभूत रहूँ।
साध्वीश्री ने कहा आज इस कार्यक्रम में डॉ. साध्वी कुंदनरेखाजी का सान्निध्य मन उपवन को सरसब्ज बना रहा है। साध्वी कुंदनरेखाजी हमारे धर्मसंघ की प्रबुद्ध एवं ओजस्वी वक्ता साध्वी हैं। उनकी दबंगता एवं कर्मठता अनुकरणीय है। मिलनसारिता एवं दिल की उदारता मन को अभिभूत करने वाली है। साध्वी सौभग्ययशाजी एवं साध्वी कल्याणयशाजी ने भी अच्छा विकास किया है एवं आगे भी करते रहें। दिल्ली सभा बड़ी सजग एवं सक्रिय सभा है। अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रही है। साधु साध्वियों की जो चिकित्सा सेवा करती है वह सभी सभाओं के लिए अनुकरणीय है। सभी धर्मसंघ की गौरव वृद्धि करते रहें मंगलकामना। साध्वी डॉ. कुंदनरेखाजी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा तेरापंथ धर्मसंघ विशिष्ट धर्मसंघ है। आचार्य भिक्षु ने मर्यादा व अनुशासन के अमृत से इसकी नीवों को सींचा है। आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञजी व आचार्य श्री महाश्रमणजी ने इस धर्मसंघ को शिखरों तक पहुंचाया है। साधु-साध्वियां भी अपने श्रम से संघ की जड़ों को सिंचन दे रहे हैं। साध्वी अणिमाश्री जी ने दो वर्ष तक दिल्ली में श्रम की अलख जगाई। आज इनका मंगलभावना समारोह है। हम तो बधाई के साथ-साथ इनके कार्यों की वर्धापना कर रहे हैं। तेरापंथ धर्मसंघ में वही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है जिसकी भक्ति, शक्ति, और अनुरक्ति प्रगाढ़ होती है। साध्वीश्री के पास आत्मबल के साथ-साथ अध्यात्म की शक्ति है जो अंधेरे को उजाले में बदलने का प्रयास कर रही है। इनकी गुरुभक्ति और गणभक्ति दोनों बेजोड़ है। साधना के प्रति प्रबल अनुरक्ति ने इनके जीवन को तेजस्वी बनाया है।
साध्वी सौभाग्ययशाजी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। साध्वी सौभाग्ययशाजी एवं साध्वी कल्याणयशाजी ने साध्वी कुंदनरेखाजी के साथ मंगल गीत के द्वारा यात्रा के लिए मंगलभावना संप्रेषित की।साध्वी कर्णिकाश्रीजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा संघ समन्दर के महनीय रत्नों में एक नाम है साध्वी अणिमाश्रीजी का। आपकी सफलता की कहानी आगे बढ़ने वालों के लिए प्रेरणा है। दिल्ली सभाध्यक्ष सुखराज सेठिया ने कहा- साध्वी अणिमाश्रीजी श्रम की अकथ कहानी है। आपकी प्रबुद्धता, साधना, आचारनिष्ठा, मर्यादानिष्ठा सबको बाँधने वाली है। आपकी विलक्षण प्रवचनशैली सबके दिलों में उतर जाती है। आपकी वत्सलता सबको जोड़ने वाली है। दिल्ली वासियों को 2027 के आचार्य प्रवर के पावस का जो उपहार मिला है उसमें आप का विशेष श्रम रहा है। कल्याण परिषद् के संयोजक के. सी. जैन, महासभा से आंचलिक प्रभारी के. के. जैन, अभातेममं की उपाध्यक्ष सुमन नाहटा, जै. वि. भा. के उपाध्यक्ष पन्नालाल बैद, दिल्ली प्रांत संघ संचालक अनिल कुमार, सभा एवं तेयुप के पदाधिकारीगण ने भी अपने विचारों की प्रस्तुति दी। दिल्ली सभा की गायक मंडली ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। महिला मंडल ने भाव पूर्ण गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने किया।