‘शांति एवं शक्ति की ओर’ कार्यशाला का आयोजन
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल पालघर द्वारा आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी डॉ. पीयूषप्रभा जी जी ठाणा-4 के सान्निध्य मे तेरापंथ भवन में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन किया गया। मंगलाचरण महिला मंडल की बहनों द्वारा प्रेरणा गीत के संगान से किया गया। स्वागत वक्तव्य महिला मंडल अध्यक्षा संगीता चपलोत द्वारा किया। कार्यशाला का प्रारंभ प्रेक्षाध्यान गीत के संगान से किया गया। साध्वी डॉ. पीयूषप्रभाजी ने प्रेक्षाध्यान का अर्थ, उसका इतिहास और जीवन शैली के बारे में प्रेरणा देते हुए कहा प्रेक्षाध्यान आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा तेरापंथ धर्म संघ को दिया गया बहुत बड़ा अवदान है।
प्रेक्षा ध्यान एक ऐसा आध्यात्मिक उपक्रम है, जिसके द्वारा कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं और शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक तनाव को भी दूर किया जा सकता है। प्रेक्षाध्यान का एक सूत्र है मैत्री का प्रयोग जिसके माध्यम से पारिवारिक संबंधों एवं जीवन शैली को बेहतर बनाया जा सकता है। साध्वी भावनाश्रीजी ने बताया कि पुरानी बहनें घर का कार्य करते हुए श्वास प्रेक्षा कर लेती थीं। साध्वी दीप्तियशाजी ने कायोत्सर्ग के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक लाभ बताते हुए कहा कि कायोत्सर्ग में शरीर के प्रत्येक अवयव पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। कायोत्सर्ग के द्वारा शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। शरीर रिलैक्स होता है, जिससे शांति का अनुभव होता है। दीर्घ श्वास लेने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है इससे शरीर के दूषित पदार्थ निकलते हैं, मानसिक शांति मिलती है और एकाग्रता बढ़ती है। प्रेक्षाध्यान कार्यशाला में 53 भाई-बहनों की उपस्थिति रही। आभार ज्ञापन तेममं मंत्री रंजना तलेसरा ने किया।