पंच सूत्रों से परिवार को बनाए स्वर्ग से सुन्दर

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पंच सूत्रों से परिवार को बनाए स्वर्ग से सुन्दर

युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी उदितयशाजी ठाणा-4 के सान्निध्य में संयुक्त रूप से सभा, महिला मंडल एवं तेयुप राजाजीनगर द्वारा ‘अध्यात्म के रंग - परिवार के संग’ कार्यशाला तेरापंथ भवन में समायोजित की गई। साध्वीश्री के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र के सामूहिक उच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। साध्वी उदितयशाजी ने आचार्य श्री तुलसी द्वारा लिखित पंचसूत्रम ग्रंथ का उल्लेख करते हुए बताया कि अनुशासन, व्यवस्था, आज्ञा, आलंबन और शांत सहवास इन पांच नियमों की अनुपालना से परिवार स्वर्ग से सुंदर बन सकता है।
हर परिवार को अपना संविधान और हाजरी पत्र बनाना चाहिए जिससे परिवार के हर सदस्य की मौलिक मर्यादा तय हो सके। इससे आध्यात्मिक गुणों का विकास और खुशहाल परिवार का सपना साकार होता है। साध्वी भव्ययशाजी ने गीतिका का संगान कर कहानी के माध्यम से परिवार के लिए सहनशीलता होना बहुत जरूरी बताया। जिज्ञासा समाधान सत्र में साध्वी श्री ने श्रावकों के प्रश्नों का बहुत ही सरल शैली में संतोषप्रद जवाब दिए। कार्यशाला में श्रावक-श्राविका समाज की अच्छी उपस्थिति रही। कुशल मंच संचालन सतीश पोरवाड़ ने और आभार ज्ञापन कमलेश चौरडिया ने किया।