सामाजिक संदेशात्मक नाटिकाओं का मंचन
अशोक नगर के लोकाशाह स्थानक में तेरापंथ युवक परिषद् के सदस्यों ने दो सामाजिक समस्याओं पर आधारित नाटिकाओं का मंचन कर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। पहली नाटिका "बच्चा डूब गया" मोबाइल की बढ़ती लत के दुष्परिणामों पर आधारित थी। नाटिका में दिखाया गया कि एक मां मोबाइल की लत के कारण अपने घर और बच्चे की जिम्मेदारियों को अनदेखा करती है। घर में बने स्विमिंग पूल के पास खेल रहे बच्चे पर ध्यान न देने के कारण उसकी जान चली जाती है। मां का रुदन और यह त्रासदी दर्शकों को झकझोर कर मोबाइल के सही उपयोग और दुरुपयोग से बचने का संदेश देती है। इस नाटिका में प्रतीक जैन, कविता जैन, सीमा खमेसरा और सरिता बम्ब ने प्रभावशाली अभिनय किया।
दूसरी नाटिका "सूखा हैंडपंप" पानी की बढ़ती कमी और उसके दुरुपयोग पर केंद्रित थी। डॉक्टर पीसी जैन "जल मित्र" द्वारा लिखित इस नाटिका में दिखाया गया कि अगर पानी का दुरुपयोग यूं ही जारी रहा, तो भविष्य में भूमि जल स्रोत सूख जाएंगे और हमारी आने वाली पीढ़ी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेगी। नाटिका ने दैनिक जल बचत और रेन वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व पर जोर दिया। इस नाटिका में भूपेश खमेसरा, प्रतीक जैन, कविता जैन, सीमा खमेसरा, राजू बम्ब, सरिता बम्ब, साजन मांडोत और चांदनी मांडोत ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में मुनि सुरेश कुमार जी ने दोनों नाटिकाओं की सराहना करते हुए कहा कि ये समस्याएं वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने युवक परिषद से आग्रह किया कि वे मोबाइल और जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए सतत प्रयास करते रहें और इस प्रकार के लघु नाटकों के माध्यम से समाज को जागरूक करते रहें।