विश्व ध्यान दिवस पर किया आत्म साक्षात्कार
तेरापंथ सेवा समाज और प्रेक्षा वाहिनी शाहीबाग, अहमदाबाद द्वारा विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनि डॉ. मदनकुमार जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेक्षा ध्यान आत्म-साक्षात्कार का सशक्त माध्यम है। यह ज्ञाता-दृष्टा भाव का विकास करता है और मन की चंचलता को नियंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षा ध्यान, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का विश्व शांति के लिए एक महान योगदान है। मुनि मदनकुमार जी ने प्रेक्षा चर्या के सूत्र, जैसे वर्तमान में जीना, सतत अप्रमत्त रहना, प्रतिक्रिया विरति, मिताहार, और मितभाषण को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रेक्षा ध्यान के व्यावहारिक प्रयोग भी करवाए। मुनि सिद्धार्थकुमार जी ने कहा कि प्रेक्षा ध्यान के माध्यम से भीतर की अनंत शक्तियों को जानने का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने श्वास प्रेक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि दीर्घ और मंद श्वास द्वारा व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्तियों का रहस्य उजागर कर सकता है। प्रेक्षा प्रशिक्षक जवेरीलाल संकलेचा ने प्रेक्षा ध्यान को जीवन की प्रयोगशाला बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि प्रेक्षा ध्यान से आधि, व्याधि, और उपाधि को समाधि में परिवर्तित किया जा सकता है। कार्यक्रम में तेरापंथ सेवा समाज के प्रधान ट्रस्टी सज्जनराज सिंघवी ने स्वागत भाषण दिया। इस आयोजन की व्यवस्था में तेरापंथ सेवा समाज के अध्यक्ष नानालाल कोठारी, ट्रस्ट मंत्री दिनेश बालर और विमल बाफना का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का कुशल संयोजन और आभार ज्ञापन प्रेक्षा वाहिनी के संवाहक जवेरीलाल संकलेचा ने किया।