प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का हुआ आयोजन

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प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का हुआ आयोजन

अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली के महाश्रमण भवन में तेरापंथ महिला मंडल, दक्षिण दिल्ली द्वारा समायोजित प्रेक्षाध्यान कार्यशाला को संबोधित करते हुए 'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी ने कहा- प्रेक्षा ध्यान का ध्येय सूत्र है- 'संपिक्खए अप्पग मप्पएणं' अर्थात आत्मा के द्वारा आत्मा को देखो। मन के स्तर पर होने वाली अवस्थाओं को देखो। भाव के स्तर पर होने वाले आन्तरिक परिवर्तन को देखो। स्थूल चेतना के द्वारा सूक्ष्म चेतना को देखो। इसलिए इस पद्धति का नाम प्रेक्षा ध्यान रखा गया है। इसके अंग हैं- कायोत्सर्ग, दीर्घ श्वास प्रेक्षा, अंतर्यात्रा, चैतन्य केन्द्र प्रेक्षा, अनुप्रेक्षा, लेश्या ध्यान, भावना, शरीर प्रेक्षा आदि। इन प्रयोगों के द्वारा आत्मा के निकट पहुंचा जा सकता है। कार्यशाला का प्रारंभ साध्वी कार्तिकप्रभा जी एवं साध्वी चिन्तनप्रभा जी द्वारा प्रेक्षागीत से किया गया। प्रेक्षा प्रशिक्षक विमल गुनेचा ने प्रेक्षाध्यान का प्रयोग एवं संक्षिप्त वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संयोजन वर्षा जैन ने किया। कार्यशाला में 30 महिलाओं ने भाग लिया। दक्षिण दिल्ली महिला मंडल अध्यक्षा शिल्पा जैन ने धन्यवाद एवं कृतज्ञता ज्ञापित की।