आचार्य तुलसी मेमोरियल व्याख्यानमाला का आयोजन
मद्रास विश्वविद्यालय जैनोलॉजी विभाग और तेरापंथ ट्रस्ट, ट्रिप्लिकेन के संयुक्त तत्वावधान में 'आचार्य तुलसी मेमोरियल एंडोवमेंट व्याख्यानमाला 2024-2025' का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. बी. जीवगन ने 'तमिल जैन साहित्य में जैन दर्शन के सर्वेक्षण' विषय पर अपने वक्तव्य में जीवन के आध्यात्मिक और नैतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. जीवगन ने कहा कि दुर्लभ मनुष्य जीवन का उद्देश्य संसार से मुक्ति होना चाहिए। उन्होंने कर्मवाद के सिद्धांतों, परिग्रह के त्याग, अहिंसात्मक जीवन और संयममय आचरण को अपनाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने आचार्य तुलसी द्वारा प्रदत्त अणुव्रतों और लोक कल्याणकारी अवदानों की चर्चा की।
तमिल जैन साहित्य के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने तिरुक्कुरल की रचना को जैनाचार्य कुंदकुंद से जोड़ा। कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। जैनोलॉजी विभाग की प्रमुख, प्रो. प्रियदर्शना जैन ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। श्रोताओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी मुख्य वक्ता ने किया। माला कात्रेला ने तमिल अभिभाषण का हिंदी में अनुवाद किया। आयोजन में प्यारेलाल पितलिया, तनसुखलाल नाहर, अशोक खतंग, संतोषकुमार धाडीवाल, अशोककुमार लुंकड़ सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रियदर्शना जैन ने किया, और ट्रस्ट उपाध्यक्ष विजयकुमार गेलड़ा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।