23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 2900वें जन्म कल्याणक दिवस पर

संस्थाएं

23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 2900वें जन्म कल्याणक दिवस पर

भगवान पार्श्ववनाथ की साधना विशिष्ट थी। उनके नाम का स्मरण, जाप चमत्कारी है। उवसग्गहरं स्तोत्र का नियमित जाप मनोयोग से करने से मन वांछित फल प्राप्त होता है। यह विघ्न निवारक, मंगलकारी, कल्याणकारी है। उपरोक्त विचार सामूहिक अनुष्ठान करवाते हुए 'शासनगौरव' साध्वी राजीमती जी ने व्यक्त किए। साध्वी पुलकितयशाजी ने क्रोध, मान, माया, लोभ से बचकर सहज शान्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। सैकड़ों भाई-बहनों ने सामूहिक अनुष्ठान में भाग लिया।