अष्ट दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का सफल आयोजन
बेंगलुरु। आचार्य तुलसी चेतना केंद्र, कुंबलगुडु, बेंगलुरु के प्रांगण में प्रेक्षा फाउंडेशन के तत्वावधान में आठ दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर का आयोजन साध्वी उदितयशाजी के सान्निध्य में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में 74 साधकों ने भाग लिया और ध्यान के विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से नए-नए अनुभव प्राप्त किए। ध्यान, आसन, अनुप्रेक्षा और मंगल भावनाओं के प्रयोगों ने साधकों को प्रेरित और रोमांचित किया। आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के गूढ़ प्रवचन साधकों को नई ऊर्जा प्रदान करने वाले थे। इस शिविर में कई युवक-युवतियां, प्रोफेशनल, व्यवसायी और इटली से आए डॉक्टर ने भी भाग लिया। कई प्रतिभागी पहली बार शिविर में शामिल हुए थे, और उनके लिए मुख्य आकर्षण साध्वियों द्वारा दिए गए निरंतर सान्निध्य और व्यक्तिगत जिज्ञासाओं का समाधान रहा।
शिविर की दिनचर्या भक्तामर थेरेपी से आरंभ होती थी, इसके साथ चौबीसी का प्रयोग प्रतिभागियों को भाव-विभोर कर देता था। शुरुआती दिनों में कुछ साधकों को बेचैनी और शरीर में गर्मी का अनुभव हुआ, और कुछ ने शिविर छोड़ने का विचार भी बनाया। लेकिन साध्वियों ने उन्हें विशेष ध्यान प्रयोगों और मनोबल बढ़ाने वाले प्रयासों से स्थिर किया। जो पहले दिन उदास थे, वे समापन दिवस पर शिविर छोड़ने के विचार से दुखी थे। शिविर में सुबह 5:15 बजे से रात 9:30 बजे तक विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनका संचालन साध्वी उदितयशाजी, साध्वी संगीतप्रभाजी, साध्वी भव्यप्रभाजी, और साध्वी शिक्षा प्रभाजी द्वारा किया गया। साध्वी श्री ने इस सफल आयोजन का श्रेय गुरु दृष्टि, गुरु शक्ति, और गुरु से प्राप्त ऊर्जा को दिया।
ध्यान और आसनों के प्रयोग वीणा जैन और सविता जैन ने करवाए। संपूर्ण व्यवस्था प्रेक्षा फाउंडेशन की टीम द्वारा कुशलता से संचालित की गई, जो साधकों की साधना में सहायक रही। पारमार्थिक शिक्षण संस्था के अध्यक्ष बजरंग जैन ने साध्वियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने शिविर का संचालन इतनी कुशलता से किया मानो वे प्रशिक्षकों को भी पीछे छोड़ रही हों। वीणा जैन ने कहा कि प्रेक्षा फाउंडेशन के इतिहास में यह पहली बार है जब पूरा शिविर चारित्र आत्माओं की देखरेख में संपन्न हुआ। शिविर में प्रेक्षा फाउंडेशन के छत्रसिंह मालू का भी सराहनीय श्रम नियोजित हुआ।