अध्यात्म से हो सकती है सर्व दुःख मुक्ति : आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

अध्यात्म से हो सकती है सर्व दुःख मुक्ति : आचार्यश्री महाश्रमण

जिन शासन प्रभावक आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन सान्निध्य में राजकोट में वर्धमान महोत्सव परिसम्पन्न हुआ। राजकोट का त्रि-दिवसीय प्रवास सम्पन्न कर परम पावन 10 किमी का विहार कर अपनी धवल सेना के साथ मारवाड़ी युनिवर्सिटी के प्रांगण में पधारे। महान यायावर ने पावन प्रेरणा प्रदान कराते हुए एक कथानक के माध्यम से फरमाया कि - संसार में कोई किसी का त्राण और शरणदाता नहीं बन सकता है। कोई किसी का नाथ नहीं बन सकता है, फिर भले वह नगर का राजा ही क्यों न हो। जो स्वयं अनाथ है वो दूसरे का नाथ कैसे बन सकता है? किसी को बीमारी, बुढ़ापा या मृत्यु नहीं आएगी ऐसी गारन्टी कोई नहीं ले सकता। क्योंकि आदमी स्वयं इन तीनों से नहीं बच सकता। चाहे व्यक्ति के पास कितना ही धन हो पर बीमारी, बुढ़ापे या मृत्यु से कोई नहीं बचा सकता। कोई सहानुभूति तो दिखा सकता है पर उनसे कोई बचा नहीं सकता। मोक्ष में कोई दुःख नहीं होता। मोक्ष को पाने के लिए साधना करनी पड़ती है। जब आदमी पक्का संकल्प कर लेता है तो पीड़ा से मुक्त हो सकता है। अध्यात्म से सर्व दुःख मुक्ति हो सकती है। हमें मनुष्य जन्म प्राप्त है। जैसे वृक्ष का पका हुआ पत्ता गिर जाता है वैसे ही मनुष्यों का जीवन समाप्त हो जाता है।
डॉक्टर बीमारी का इलाज कर सकता है पर मृत्यु से तो वो भी नहीं बचा सकता। इसलिए भगवान महावीर ने कहा 'गौतम ! क्षण भर भी प्रमाद मत करो।' हम धर्म के रास्ते पर चल अध्यात्म की आराधना करें, ताकि इस संसार से पार भी पा लिया जाए, मोक्ष की प्राप्ति हो जाए। जब तक संसारी अवस्था में है, दुर्गति में भी न जाना पड़े। अच्छा इंसान बने रहने में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति अच्छे सहायक तत्त्व बन सकते हैं। मानव जीवन में धर्म की आराधना करने का प्रयास करें।
आचार्यश्री ने आगे फ़रमाया कि आज मारवाड़ी युनिवर्सिटी में आना हुआ है। कल तक भी हमारा प्रवास आत्मीय युनिवर्सिटी में हुआ। हमारा वर्ष 2024 का चतुर्मास भी सूरत में भगवान महावीर युनिवर्सिटी में हुआ। हमारा एक जैन विश्व भारती डिम्ड टू बी युनिवर्सिटी लाडनूं में है। युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संस्कार आते रहें। पूज्यवर के स्वागत में मारवाड़ी युनिवर्सिटी के चेयरमेन केतनभाई मारवाड़ी ने अपने उद्गार व्यक्त किए। हिसार की विधायक व जिंदल ग्रुप की चेयरमेन सावित्री जिंदल, महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेशचन्द्र जैन, हरियाणा प्रान्तीय सभाध्यक्ष मक्खन जैन ने अपनी भावना व्यक्त की। हरियाणा के 20 क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने पूज्य सन्निधि में हरियाणा में चतुर्मास फरमाने की पुरजोर अर्ज की। पूज्यवर ने हरियाणा क्षेत्र पर कृपा कराते हुए कहा - 'यथासंभवतया निकट भविष्य में हरियाणा की यात्रा करनी है। उस यात्रा क्रम में बृहत्तर हिसार में तीन महीनों का प्रवास करने का भाव है।' 'शासनश्री' साध्वी यशोधराजी की आत्मकथा ‘संकल्प की सीप, संन्यास का मोती’ जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों द्वारा पूज्यवर को समर्पित की गई। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया।