आध्यात्मिक अनुष्ठानों एवं नव संकल्पों के साथ हुआ नव वर्ष 2025 का आगाज
मुनि मोहजीत कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन मंड्या में सन् 2025 के प्रथम दिन का आगाज श्री, धी, धृति, शान्ति, शक्ति, तेजस्विता और विघ्न हरण मंत्रों की आराधना से हुआ। नववर्ष आध्यात्मिक अनुष्ठान का उपक्रम नमस्कार महामंत्र के साथ परमेष्ठी गीत के संगान से प्रवर्धमान किया गया। मुनि मोहजीत कुमार जी ने मंत्राराधक विशाल परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि इस शताब्दी के रजत वर्ष के शुभारम्भ पर सन् और कैलेंडर बदलने के साथ जीवन की प्रत्येक क्रिया-कलापों को रजत सम उजली बनाने का प्रयास करें। नव वर्ष पर संकल्प करें कि जीवन की हर प्रकृति संयमित और सात्विक हो। शारीरिक, मानसिक, भावात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास हो। मुनिश्री ने समग्र मानव समाज को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि स्वयं की पहचान बनाने तथा संबंधों को विकसित करने के लिए डिजिटल गजेट्स के अत्यधिक प्रयोग से बचें। इस अवसर पर मुनि जयेश कुमार जी ने कहा- मानव को नव्यता पसंद है। हर चीज अपग्रेडेड और नई होनी चाहिए। पर यह नव्यता की चाह सिर्फ बाहरी वस्तुओं के लिये ही ना हो अपितु हम अपने आप में भी नयापन लाएं। नववर्ष के अवसर पर हम ऐसे संकल्प ग्रहण करें जो हमें हमारे नए स्वरूप को डिस्कवर करने और बेहतर भविष्य के निर्माण में योगभूत बने। मंड्या श्रावक समाज के साथ ही बेंगलुरु, चिकमंगलूरु, मैसूरु आदि क्षेत्रों से समागत श्रद्धालुओं ने मंगलपाठ श्रवण का लाभ लिया।