आध्यात्मिक अनुष्ठानों एवं नव संकल्पों के साथ हुआ नव वर्ष 2025 का आगाज

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आध्यात्मिक अनुष्ठानों एवं नव संकल्पों के साथ हुआ नव वर्ष 2025 का आगाज

नव वर्ष 2025 की मंगल शुरुआत ऊर्जावान मंत्रोच्चार के द्वारा 'शासनश्री' साध्वी सुव्रताजी के सान्निध्य में अध्यात्म साधना केन्द्र, महरौली के महाश्रमण भवन में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। 'शासनश्री' साध्वी सुवता जी ने कहा- आज हम नये वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। नया उल्लास, उमंग और नये संकल्पों के साथ प्रवेश करें। समय का मूल्यांकन करते हुए अपने संजोए हुए सपनों को सार्थक करें। समय एक गतिशील तत्व है, वह ठहरता नहीं है। वह पीछे मुड़कर देखता भी नहीं है। समय नदी के बहते हुए पानी की तरह है, उससे लाभ उठाने वाले बिजली पैदा कर लेते हैं। हम भी भगवान महावीर वाणी को स्मृति में रखते हुए क्षणमात्र भी प्रमाद न करें। जागरूकता के साथ जीवन जीएं। प्रत्येक व्यक्ति को इस नव वर्ष के उपलक्ष में अपने निर्धारित लक्ष्य पर सतत गतिमान रहना चाहिए। लक्ष्य आत्मोन्नति करने वाला हो। 'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभा जी ने कहा कि हमारा यह नया वर्ष उपलब्धि भरा हो, अध्यात्म के दीपक हमारे भीतर में जले, समय का सदुपयोग कर जीवन में नयी-नयी उपलब्धि को प्राप्त करें। जिस भूमि पर बैठकर हम नया वर्ष मना रहे है वह भूमि ऊर्जावान है। इस भूमि पर आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ, आचार्य श्री महाश्रमण जी का चातुर्मास हुआ है, इस क्षेत्र से हम सबको ऊर्जा मिल रही है। साध्वी कार्तिकप्रभाजी जे 'मंगलमय मंगल होगा अपना नववर्ष प्रभात' का संगान किया। कार्यक्रम में दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाओं की गरिमामय उपस्थिति रही। अणुव्रत समिति के पूर्वाध्यक्ष अशोक संचेती, तेरापंथ भवन के व्यवस्थापक संदीप डूंगरवाल, उपासक विमल गुनेचा डॉक्टर सूरजमल सुराणा, नोएडा महिला मण्डल मंत्री कुसुम जैन, दक्षिण दिल्ली सभा के उपाध्यक्ष प्रदीप खटेड, अणुव्रत समिति सदस्य कल्पना सेठिया, सुमन कोठारी आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की मंगल शुरुआत साध्वी कार्तिकप्रभाजी एवं साध्वी चिंतनप्रभा जी ने की। अन्त में वृहद् मंगलपाठ के द्वारा कार्यक्रम परिसंपन्न हुआ। संचालन जैन संस्कारक सुशील डागा ने किया।