अभातेयुप के तत्वावधान में अभिनव सामायिक साधना
अभातेयुप के तत्त्वावधान एवं मुनि जिनेश कुमारजी के सान्निध्य में स्थानीय आठ तेरापंथ युवक परिषदों ने वैदिक विलेज स्थित तोदी भवन में अभिनव सामायिक फेस्टिवल में भाग लिया। जिनमें पूर्वांचल, दक्षिण हावड़ा, उत्तर हावड़ा, कलकत्ता मेन, दक्षिण कलकत्ता, लिलुआ, उत्तर कलकत्ता, टोलीगंज परीषदों के सदस्यों के अतिरिक्त सैकड़ों भाई-बहनों ने भाग लिया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा प्रत्येक व्यक्ति सफलता चाहता है। सफलता का सूत्र है वर्तमान में जीना, राग-द्वेष से मुक्त होकर जीना, समता के साथ जीना। समता की साधना का उपाय है - सामायिक। सामायिक जैन आचार शास्त्र का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे महावीर के दर्शन का सार माना जा सकता है। समता, साम्ययोग अहिंसा, संतुलन, अभय आदि विधायक भावों के अभ्यास का नाम सामायिक है। सामायिक पवित्र जीवन का राज पथ है। सामयिक अध्यात्म का पासपोर्ट व मुक्ति का वीज़ा है। सामायिक से अहिंसा का विकास होता है। इस अवसर पर तेरापंथ सभा साल्टलेक के अध्यक्ष जयसिंह डागा, तेरापंथ युवक परिषद पुर्वांचल के अध्यक्ष नवीन सिंघी, पश्चिम बंगाल अभिनव सामायिक के प्रभारी नमन जम्मड़, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के पूर्व सहमंत्री अंनत बागरेचा, अभिषेक गोयल, डा. अशोक विनायकिया आदि ने अपने विचार रखे। आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा साल्टलेक के मंत्री अशोक भुतोडिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि कुणालकुमार जी ने किया। इस अवसर पर अभातेयुप सदस्य भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ सभा साल्टलेक व संजु दुगड़, विमल दुगड़, डां. अशोक विनायकिया आदि का योगदान रहा।