अनुशासन और विनम्रता हैं जीवन के आभूषण

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अनुशासन और विनम्रता हैं जीवन के आभूषण

नोखा। व्यक्ति अनुशासन और मर्यादा, संयम, सादगी व विनम्रता का जीवन जीए। जिंदगी में मस्त रहे, अस्त-व्यस्त नहीं। नाहटा परिवार आस्थाशील धार्मिक परिवार है, परिवार में सौहार्द रहे। उपरोक्त उद्गार उग्रविहारी तपोमूर्ति कमल कुमार जी ने नाहटा भवन में 'सघन साधना शिविर' के समापन पर व्यक्त किये। इस अवसर पर भावना मरोठी, सुशील भूरा, हर्षित भूरा, मधु डागा ने मौन की साधना, अनुशासन, संयम में प्रशिक्षण एवं अन्य बिंदुओं पर अपने अनुभव सुनाए। शिव नारायण झंवर ने अपने वक्तव्य में मुनिश्री की श्रमशीलता को नमन किया।