
भारतीय प्राचीन कला अवधान का अभूतपूर्व प्रदर्शन
आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि विनीत कुमारजी, मुनि आकाश कुमार जी आदि ठाणा 4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में भारतीय प्राचीन कला अवधान का अभूतपूर्व प्रदर्शन हुआ। मुनि विनीत कुमार जी ने अवधान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि अवधान वह विद्या है जिसमें मस्तिष्क की शक्तियों के जागरण का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा जटिल से जटिल गणनाएं आसानी से की जा सकती है। सिर्फ गणना करके किसी की जन्म तारीख, वार बताना, करोड़ों और अरबों की गिनती का वर्गमूल बताना इत्यादि सरलता से किये जा सकते हैं। मुनि आकाश कुमार जी ने कहा कि यह बहुत प्राचीन कला है।
आज के भौतिक युग मे यह कला विलुप्त हो रही है। अवधान कर्ता के रूप में मुनि हितेंद्र कुमार जी व मुनि पुनीत कुमार जी ने प्रस्तुति दी। मुनिश्री की अवधान कला की अद्भुत क्षमता देखकर सभी अभिभूत हो गए। मुख्य अतिथि के रूप में शिवसेना महाराष्ट्र प्रवक्ता केदार काले, उनकी पत्नी नगराध्यक्ष्या डॉ. उज्ज्वला काले, महासभा कार्यकारिणी सदस्य दिलीप राठोड़, किराना रिटेल एसोसिएशन अध्यक्ष सेवाराम चौधरी, होलसेल एसोसिएशन अध्यक्ष भगवानलाल सिंघवी एवं शहर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। सभा द्वारा मुख्य अतिथियों का सम्मान किया गया।