
देह से विदेह की यात्रा है कायोत्सर्ग
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में प्रेक्षा फाऊन्डेशन के तत्वावधान में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार व दक्षिण कलकत्ता तेरापंथ महिला मंडल के आयोजन में वेदिक विलेज में कायोत्सर्ग कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा- वर्तमान का युग तनाव, विलासिता, अन्धानुकरण का युग है। तनाव के कारण नाना प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ रहा है। तनाव से मुक्ति पाने का अमोघ साधन है- कायोत्सर्ग। कायोत्सर्ग देह से विदेह की यात्रा है। बहिर्यात्रा से अन्तर्यात्रा के लिए प्रस्थान करने का उपक्रम है।
निर्विचारता, निर्विकल्पता, निर्विकारता के शिखरों पर पहुंचने की प्रक्रिया कायोत्सर्ग है। कायोत्सर्ग भेद विज्ञान की साधना है। आत्मा पर जमे मलिनता के आवरण को दूर करने का दुर्लभ साधन कायोत्सर्ग है। कायोत्सर्ग का अर्थ तनाव विसर्जन व ममत्व का विसर्जन है। इस अवसर पर प्रेक्षा प्रशिक्षिका मीना साभद्रा ने कायोत्सर्ग का वैज्ञानिक आधार बताया। स्वागत भाषण साउथ कोलकाता महिला मंडल अध्यक्षा पदमा कोचर ने दिया। प्रेक्षा प्रशिक्षिका मंजु सिपाणी ने प्रेक्षाध्यान की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। आभार ज्ञापन महिला मंडल मंत्री अनुपमा नाहटा ने किया।