
जन्मभूमि में स्वागत समारोह का आयाेजन
तेरापंथ भवन गंगाशहर में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी एवं सहवर्ती मुनिवृंद का स्वागत समारोह का आयोजन तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया। मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र से स्वागत कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। तेरापंथी सभा के कमलचन्द भन्साली, पवन छाजेड़ व शांतिलाल सेठिया ने स्वागत गीत का संगान किया। मुनि कमल कुमार जी के सहदीक्षित मुनि श्रेयांश कुमार आदि संतों ने भावपूर्ण गीतिका के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की। मुनि सुमति कुमार जी ने पधारे तीनों संतों स्वागत करते हुए कहा कि लोगों को उपदेश देकर संवर व निर्जरा से धर्मसंघ की नींव को मुनि कमलकुमार जी लम्बे समय से मजबूत कर रहे हैं। तेरापंथ के गौरवशाली सन्तों में आपकी गिनती होती है। इस अवसर पर मुनि कमल कुमार जी ने आचार्य प्रवर से प्राप्त पत्रों का वाचन किया और साधुओं व साध्वियों को पत्र भेंट किए। मुनि कमल कुमार जी ने पुरानी बातों को स्मृति पटल पर लाकर सभी श्रावक-श्राविका समाज को एकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रवचन में आने वाले सभी लोग सामायिक अवश्य करें तथा अपने जीवन को अध्यात्म से जोड़ें। जैन विश्व भारती लाडनूं के उपाध्यक्ष विजय सिंह डागा ने मुनिश्री को उग्र विहार कम करके स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का निवेदन किया। आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिमल चोपड़ा ने विचार व्यक्त किए। तेरापंथ न्यास ट्रस्टी व तेरापंथ महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ ने मुनिश्री को कहा कि आप दीक्षा लेकर अपनी मां के ऋण से मुक्त हो गए परन्तु आपकी मातृभूमि गंगाशहर का ऋण बकाया है। आप अभी भी 18वर्षों बाद यहां पधारें हैं और दीक्षा के 53 वर्ष हो जाने के बावजूद स्वतंत्र रूप से गंगाशहर में चातुर्मास नहीं किया। छाजेड़ ने अपने बाल सखा का भावभीना स्वागत करते हुए कहा कि आपने लम्बे-लम्बे विहार व तपस्या के कीर्तिमान रचे हैं जिसका हमें नाज है। तेरापंथ युवक परिषद उपाध्यक्ष देवेन्द्र डागा, तेरापंथी सभा उपाध्यक्ष पवन छाजेड़, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष संजू लालानी, मुनिश्री के परिवार की ओर से चारु मुशरफ ने अपनी भावनाओं के माध्यम से मुनिश्री का स्वागत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन देवेन्द्र डागा ने किया।