मर्यादा लक्ष्मण रेखा की आओ शान बढ़ातें हैं

मर्यादा लक्ष्मण रेखा की आओ शान बढ़ातें हैं

आओ हम सब भिक्षु के विधान को शीश झुकाते हैं।
मर्यादा लक्ष्मण रेखा की आओ शान बढ़ातें हैं।।
(वंदे शासन-3)
1. बलिदानों की सुनो कहानी रोमांचित बन जाओगे,
गण बलिवेदी की धूलि को, अपने शीश चढ़ाओगे।
शासन की सुषमा बढ़ाते जो विरले कहलाते हैं।।
2. तपो भूमि भैक्षव शासन में मर्यादा ही त्राण है,
मर्यादा में चलने वाले पाते लक्ष्य महान है।
ज्ञान शरण तप की बगिया में जीवन को महकाते हैं।।
3. मर्यादा में पलने वाला फूल हमेशा खिलता है,
मर्यादा में रहने वाला दीप हमेशा जलता है।
मर्यादा की मीनारों पर शुभ भविष्य सरसाते हैं।।
4. मर्यादा पुरुषोत्तम भिक्षु को शत-शत प्रणाम है,
उन लकीरों पर चलने वाले, फकीरों को सलाम है।
गण मोर्चे पर हंसते-2 जो प्राण लुटाते हैं।।
5. महाश्रमण का शासन पाया भाग्योदय हमारा है,
गुजरात की धरा पर चमक रहा अध्यात्म सितारा है।
महावीर वाणी का अमृत जग में बरसाते हैं।।
तर्ज़ - आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं