मर्यादा रो पर्व महान

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साध्वी आस्थाप्रभा, साध्वी दीक्षाप्रभा

मर्यादा रो पर्व महान

मर्यादा रो पर्व महान, जय गणिवर रो गूंजे अवदान।
तेरापंथ री, के पहचान, एक गुरु अरु एक विधान।।
अम्बर अवनि अम्बुधि देखो, मर्यादा में गमता पेखो।
अनुशासन रो सम्मान।।
मर्यादा में प्राण प्रतिष्ठा, गण गणपति प्रति गहरी निष्ठा।
चाहे आंधी या तूफ़ान।।
बलिदानी संतां-सतियां री, श्रम बूंदां स्यूं सिंचित क्यारी।
बलिदानी भायां-बायां री, श्रम बूंदां स्यूं सिंचित क्यारी।
गणहित जीवन कुर्बान।।
महाश्रमण री महिमा भारी,
खिल रही भैक्षव गण फुलवारी।
ऐतिहासिक कीर्तिमान।।
च्यार तीरथ रो रंग लग्यो है,
शासन में नव चंग बज्यो है।
संघ सेवा रो आह्वान।।
तर्ज - चाहे बिक जा हरिया रुमाल