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ज्ञानशाला ज्ञानार्थी परीक्षा-2024 आयोजित
ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव का आयोजन युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी सिद्धप्रभा जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन, हनुमंतनगर में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ हुई। प्रशिक्षिका बहनों द्वारा मंगलाचरण किया गया। साध्वी सिद्धप्रभा जी ने बताया बदलते ज़माने की जरूरत है अच्छे संस्कार और उन्हें पूरा करती है ज्ञान शाला। माता पिता बच्चों को ज्ञानशाला भेजने में प्रमाद न करें, इसे प्राथमिकता दें। प्रशिक्षिकाओं के श्रम की सराहना करते हुए साध्वी श्री ने हनुमंत नगर से वैरागी तैयार करने की प्रेरणा दी। साध्वी मलययशाजी, साध्वी आस्थाप्रभा जी एवं साध्वी दीक्षाप्रभा जी द्वारा 'बदले ये ज़माना' सुमधुर गीतिका का संगान किया गया। साध्वी दीक्षाप्रभा जी ने बताया कि आज की पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी के लिए ज्ञानशाला की जरूरत है, जहाँ बच्चों को सही रास्ता, व्यवहार और अपनी संस्कृति के बारे में जानने को मिलता है। सभा अध्यक्ष गौतम दक एवं ज्ञानशाला आंचलिक संयोजक माणक संचेती ने अपने विचार रखे। ज्ञानशाला संयोजिका मंजू दक ने ज्ञानशाला की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। ज्ञानशाला के लगभग 50 बच्चों ने गीतिका और नाटक द्वारा रोचक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर तेयुप अध्यक्ष कमलेश झाबक, मंत्री संदीप चौधरी, किशोर मण्डल संयोजक जिनेश धोका, सह संयोजक नींव चौधरी आदि का पूरा सहयोग रहा। कार्यक्रम का सुंदर संचालन ज्ञानशाला ज्ञानार्थी इशा, मोक्षा और मुक्ति मेहता ने किया। आभार प्रशिक्षिका तारा कटारिया ने दिया।