
महाप्रज्ञ नाम से जुड़ा यह विद्यालय यूनिक बने
'महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल' में 27 दिवसीय कार्यकारी प्रवास की सम्पन्नता पर तेरापंथ समाज द्वारा आयोजित मंगल भावना समारोह में उपस्थित परिषद को उद्बोधन प्रदान करते हुए प्रो. साध्वी मंगलप्रज्ञाजी के कहा- हम सबका प्रबल सौभाग्य है कि हमें तेरापंथ जैसा यशस्वी, वर्चस्वी और तेजस्वी संघ प्राप्त हुआ। आचार्यों की सुदृढ़ परम्परा ने इस संघ रूपी वटवृक्ष को सींचा, संवारा। आज यह संघ गुरुनिष्ठ, आज्ञानिष्ठ, मर्यादा और अनुशासन से प्रख्यात बना हुआ है। साध्वीश्री ने कहा इस भवन में चातुर्मास काल में मुनि कुलदीप कुमार जी एवं उनके सहयोगी मुनि मुकुल कुमार जी ने अध्यात्म की धारा बहाई, अथक श्रम से सफलतम चातुर्मास सम्पन्न किया। हमारा 27 दिवसीय प्रवास आनंदकारी रहा। साध्वीश्री जी ने कहा भारत का यह एक मात्र स्कूल है, जहां चारित्रात्माओं का प्रवास होता रहता है। यह स्कूल भी ''महाप्रज्ञ' अभिधान से जुड़ा है, इसका गौरव और बढ़ना चाहिए। सबका ऐसा प्रयास हो कि यह विद्यालय उदाहरण बने।
मंगल भावना समारोह में उपस्थित परिषद को साध्वी श्री ने कहा- सभी संस्थाएं अपने दायित्व के प्रति सजग हैं। हमारे प्रवास का श्रावक समाज ने लाभ उठाया है। सभी की संघ-संघपति के प्रति श्रद्धा-भावना बढ़ती रहे, अध्यात्मिक विकास होता रहे, यही हमारी मंगलकामना है। महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउण्डेशन की ओर से अध्यक्ष कुन्दनमल धाकड़, गणपत डागलिया, पूर्व अध्यक्ष किशनलाल डागलिया, तेरापंथ सभा अध्यक्ष सुरेश डागलिया, तेयुप अध्यक्ष गिरीश सिसोदिया, तेममं अध्यक्षा वनीता धाकड़ ने साध्वीश्री के प्रति मंगलभावना प्रेषित की। महिला मंडल सदस्याओं ने समूह संगान किया। साध्वी सुदर्शनप्रभाजी, साध्वी अतुलयशाजी, साध्वी राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी एवं साध्वी शौर्यप्रभाजी ने अपने भावों को सामूहिक संगान से अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ सभा मंत्री दिनेश धाकड़ ने किया।