
मर्यादा पत्र - शासन का छत्र
तेरापंथ धर्म संघ का 161वां मर्यादा महोत्सव साध्वी प्रज्ञावती जी एवं साध्वी सुदर्शनाश्री जी के सान्निध्य में श्रद्धा व उल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी वृंद द्वारा मर्यादा गीत के संगान से हुई। तेरापंथ युवक परिषद ने गीतिका के माध्यम से मर्यादा का महत्व बताया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष धनराज नवलखा ने उपस्थित श्रावक समाज का स्वागत किया। सभा द्वारा समाज सेवा में योगदान देने वाले महानुभावों का सम्मान किया गया। तेरापंथ महिला मंडल, कन्या मंडल व ज्ञानशाला के बच्चों ने कव्वाली व मर्यादा म्यूजियम नाटक के माध्यम से मर्यादा का संदेश दिया।
साध्वी प्रज्ञावती जी ने अपने उद्बोधन में मर्यादा पत्र के इतिहास के बारे हुए कहा कि आचार्य श्री भिक्षु ने संघ का मर्यादा पत्र लिखा, जो आज भी सर्वोपरि है। आचार्य श्री जीतमल द्वारा प्रारंभ किए गए इस महोत्सव का यह 161वां आयोजन है। साध्वी सुदर्शनाश्री जी ने मर्यादा के महत्व पर प्रकाश डाला। साध्वीवृंद द्वारा 'मर्यादा पत्र - शासन का छत्र' कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन साध्वी मयंकयशा जी ने किया। इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजन में तेरापंथ महिला मंडल, युवक परिषद, कन्या मंडल, प्रोफेशनल फोरम एवं सकल जैन समाज की संस्थाओं का सहयोग रहा।