भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान का  हुआ आयोजन

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भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान का हुआ आयोजन

‘शासनश्री’ साध्वी सत्यवती जी आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में भक्तामर स्तोत्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने कहा कि इस स्तवन से हम संचित कर्मों का नाश कर सकते हैं, दुर्लभ बोधि को सुलभता से प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही साथ प्रमोद भावना की अभिव्यक्ति का सहजता से विकास कर सकते हैं जिससे गुण संक्रमण का सिद्धांत सहजतया सिद्ध हो जाता है। साध्वी शशिप्रज्ञा जी ने कहा कि पुराने समय में चमत्कार को नमस्कार किया जाता था। उस समय बेड़ियों में बंधे हुए आचार्य मानतुंग की दृढ़ श्रद्धा और भक्ति ने चमत्कार घटित किया। संपूर्ण श्रावक-श्राविका समाज ने निष्ठा के साथ एकाग्र चित्त होकर भक्तामर स्तोत्र के पाठ का रसास्वादन कर आध्यात्मिक आनन्द की अनुभूति की।