सफलता की पहली सीढ़ी है मर्यादा

संस्थाएं

सफलता की पहली सीढ़ी है मर्यादा

मुनि अर्हतकुमारजी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा खामगांव द्वारा मुक्तेश्वर आश्रम में 161वां मर्यादा महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भिक्षु अष्टकम के संगान से हुई। मुनिश्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि मर्यादा विकास का सोपान है। अनुशासन और मर्यादा का मार्ग कांटों से भरा हो सकता है, लेकिन जब उस मार्ग को पार किया जाता है, तो हर कांटा फूल बनकर मुस्कुराने लगता है। जो व्यक्ति मर्यादा में नहीं रहता, वह कभी भी स्वतंत्र नहीं हो सकता। मर्यादा का अस्वीकार करना जीवन की पहली हार है, जबकि अनुशासन जीवन का उपहार, श्रृंगार और अलंकार है। मर्यादा समाज की मेरुदंड होती है। इसका तिरस्कार जीवन को व्यर्थ बना देता है। मर्यादा सफलता की जननी है—जिस प्रकार जब तक पानी मर्यादा में रहता है, तब तक पृथ्वी सुरक्षित रहती है, वैसे ही जब तक व्यक्ति मर्यादा में रहता है, तब तक मानवता सुरक्षित रहती है। आर्य भिक्षु ने मर्यादा का सुंदर कवच बनाकर तेरापंथ धर्म संघ को सुदृढ़ किया। लोग सोचते हैं कि मर्यादा ने उनकी आज़ादी छीन ली और उन्हें बंधनों में डाल दिया, लेकिन वे यह नहीं समझते कि मर्यादा ही सफलता की पहली सीढ़ी है। अनुशासन जीवन को संवारने और निखारने वाला तत्व है। तेरापंथ धर्म संघ समर्पण, अनुशासन और मर्यादा का पर्याय है। आर्य भिक्षु ने मर्यादाओं का सूत्रपात किया, पूर्ववर्ती आचार्यों ने अपने खून-पसीने से इस धर्म संघ को सींचा, जयाचार्य ने इसे महोत्सव का रूप दिया और आज शांति-दूत युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी मर्यादा की महिमा को दसों दिशाओं में महका रहे हैं। हमें भी मर्यादा में रहकर नए क्षितिज को छूने का प्रयास करना चाहिए।
स्थानकवासी संप्रदाय से समागत साध्वी आशाजी ने कहा कि साधु-संतों की अपनी-अपनी मर्यादा होती है, जो महनीय होती है। लेकिन तेरापंथ धर्म संघ की मर्यादाएं पूरे विश्व में अद्वितीय और अनुकरणीय है। मुनि भरतकुमारजी ने मर्यादा विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए, मुनि जयदीप कुमार जी ने मर्यादा के महत्व पर प्रकाश डाला। तेरापंथ महिला मंडल खामगांव द्वारा मर्यादा पर सुंदर शब्द-चित्र प्रस्तुत किया गया।
खामगांव, नागपुर, अकोला, औरंगाबाद और जालना से आए प्रतिनिधियों ने मर्यादा महोत्सव पर संगीतमय प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा खामगांव के अध्यक्ष चेतन चोपड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया। नागपुर से अरूणा नखत, तेरापंथ युवक परिषद मंत्री अंकुर बोरड़ और खामगांव से श्रेयांश चोपड़ा ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में नागपुर तेरापंथ सभा सहसचिव विकास बुच्चा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद के पदाधिकारी एवं आस-पास के विभिन्न स्थानों से आए सैकड़ों श्रावक-श्राविका उपस्थित थे। मंच संचालन और आभार प्रदर्शन तेरापंथ सभा खामगांव के मंत्री संजय छल्लानी ने किया।