गुरु संदेश है अक्षय ऊर्जा का छत्र

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टैगोर नगर, जयपुर।

गुरु संदेश है अक्षय ऊर्जा का छत्र

विदेश यात्रा के लक्ष्य के साथ विहाररत मुनि अभिजीत कुमार जी एवं जयपुर में प्रवासित साध्वी अणिमाश्रीजी ठाणा-5 का टैगोर नगर में करणीदान, उदित सेठिया के नवनिर्मित निवास में आध्यात्मिक मंगल मिलन हुआ। मिलन के इस नयनाभिराम नजारे को देखकर परिषद भाव विभोर हो गई। जब मुनिश्री पूज्यप्रवर के हाथों से लिखित पत्र साध्वीश्री को उपहृत करने लगे तो साध्वीश्री ने खड़े होकर परम आदर के साथ उसे शिरोधार्य कर कहा- यह सिर्फ कागज का पत्र नहीं हमारे लिए तो यह अक्षय ऊर्जा का छत्र है।
मुनि अभिजीत कुमार जी ने कहा परम पूज्य गुरूदेव के मंगल आशीर्वाद एवं दिव्य ऊर्जा से एक मिशन के साथ हमने यात्रा प्रारंभ की है। पूज्यप्रवर की शक्ति हमारी भक्ति को अभिवर्धित कर रही है। हम अपनी साधना के साथ जीवन के एक-एक पल को संघ प्रभावना में योजित करें, यही हमारा परम लक्ष्य है। यात्रा करते-करते आज हम जयपुर पहुंच कर धर्मसंघ की प्रबुद्ध साध्वी साध्वी अणिमाश्रीजी के दर्शन पाकर प्रमुदित हैं। मुम्बई में भी हमारा अनेक बार साध्वीश्री से मिलना हुआ है। ऐसा लगता है आज हम अपने नातीले महाराज से मिले हैं। साध्वीश्री की साधना, क्षेत्र संभाल अनुकरणीय है एवं प्रवचन शैली बेजोड़ है। आपके कर्तृत्व की अनुगूंज केन्द्र में भी है। आपके मेनेजमेन्ट व डिसीप्लिन की चर्चा हर जगह सुनते हैं। दिल्ली में संघ प्रभावक कार्यक्रम आपने किए हैं। आप जहां भी जाती हैं वहां के दिल में स्थान बना लेती हैं। आप हमें ऐसा मार्गदर्शन दें कि हम भी संघ प्रभावना की श्रृंखला में जुड़ जाए। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा आज हमारे ऊपर अमृत बूंदों की बरसात हुई है। पूज्य प्रवर का अमृत संदेश हमारे भीतर अमृत कणों का संचार कर रहा है। यूं तो पूज्य प्रवर के समय-समय पर अनेक संदेश प्राप्त हुए हैं पर पूज्य प्रवर के करकमलों से लिखित पत्र मुनि प्रवर लेकर पधारे हैं। यह हमारे लिए अनमोल उपहार है। सचमुच मुनिश्री प्रभु के संदेशवाहक बनकर आए हैं। मुनिश्री अभिजीत कुमार जी एवं मुनि जागृत कुमार जी ने प्रोफेसर मुनि महेन्द्रकुमार जी स्वामी से ज्ञान मणियों को बटोरा है।
मुनिश्री ने उनकी जीवन वाटिका को संस्कारों से सरसब्ज बनाया है। दोनों प्रतिभाशाली संत हैं। संघ निष्ठा, आचार निष्ठा एवं मर्यादा निष्ठा के गहरे संस्कार हैं। आप पूज्यप्रवर के आशीर्वाद से सुदीर्घ यात्रा पर जा रहे हैं। आप धर्मसंघ में नया कीर्तिमान गढ़ें, नए इतिहास का सृजन करें, संघ प्रभावना में चार चांद लगाए। पूज्यप्रवर की दृष्टि से नई सृष्टि का निर्माण करें। जिनशासन एवं तेरापंथ संघ के गौरव को शतगुणित करें। मुनि जागृतकुमारजी ने कहा - साध्वीश्री की स्माइल, मेंनेजमेन्ट पावर व माईण्ड पावर गजब का है। साध्वी कर्णिकाश्री जी, डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्वयशाजी एवं साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मुनिश्री की अगवानी में ‘मैं प्रभुवर रो संदेशो लायो जी’ गीत का संगान किया। शाहदरा सभा के पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल बैद, विजय चोपड़ा, सरला बैद एवं विजया छल्लाणी ने अपने भावों की प्रस्तुति दी।