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77वें अणुव्रत स्थापना दिवस पर विविध कार्यक्रम
मुनि मोहजीत कुमार जी ठाणा 3 के सान्निध्य में तथा अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, बेंगलुरु द्वारा 77वां अणुव्रत स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्रोच्चारण से हुआ। शांतिनगर की बहनों ने अणुव्रत गीत का संगान किया। महासभा से प्रकाश लोढ़ा ने अणुव्रत आचार संहिता का वाचन कर सभी को संकल्प दिलाया। निवर्तमान अध्यक्ष शांतिलाल पोरवाल ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया।
अणुविभा संगठन मंत्री राजेश चावत ने आचार्यश्री तुलसी की दूरदृष्टि और अणुव्रत की विशिष्टता पर अपने विचार रखे। मुनि जयेश कुमार जी ने अणुव्रत पर अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में संकल्प आवश्यक हैं। धर्म को केवल कर्मकांडों तक सीमित कर दिया गया है और इसे स्वार्थ सिद्धि का साधन बना दिया गया है, जबकि अणुव्रत ने धर्म को इन बंधनों से मुक्त किया है। यह संप्रदाय और जाति की सीमाओं को लांघकर एक व्यापक नैतिक आंदोलन बना है। मुनि मोहजीत कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आचार्यश्री तुलसी ने अपने सार्वभौमिक चिंतन, आंतरिक जागरण और भगवान महावीर के संदेशों को नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करते हुए अणुव्रत की स्थापना की। उन्होंने व्यक्ति-व्यक्ति में बदलाव की चेतना जागृत की और सभी श्रद्धालुओं को अणुव्रत के मिशन को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लेने की प्रेरणा दी। इस कार्यक्रम में समिति के पदाधिकारी, सदस्यगण, तेरापंथ सभा गांधीनगर के अध्यक्ष पारसमल भंसाली, विजयनगर सभा अध्यक्ष मंगल कोचर, यशवंतपुर सभा अध्यक्ष सुरेश बरडिया, टी. दासराहली सभा अध्यक्ष भगवती लाल मांडोत तथा विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम की व्यवस्था में प्रकाश कुंडलिया और जितेंद्र घोषल का विशेष सहयोग रहा। कुशल संचालन मंत्री हरकचंद ओस्तवाल ने किया तथा सह मंत्री बबीता चोपड़ा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।