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होली पर्व पर विविध कार्यक्रम
आचार्यश्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी सोमयशाजी आदि ठाणा 3 का प्रवेश तेरापंथ सभा भवन, शिवमोग्गा में हुआ। साध्वीश्री के प्रवचनों, जैन प्रश्नोतरी मंच, प्रेक्षा ध्यान शिविर, 'पहचानों साहित्य का नाम' जैसी रोचक प्रतियोगिताओं से वातावरण में अध्यात्म की सुगंध फैल गई। शिवमोग्गा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में डॉ. मुनि पुलकित कुमार जी एवं मुनि आदित्य कुमार जी का साध्वीवृंद के साथ आध्यात्मिक मिलन अत्यंत भावविभोर करने वाला रहा। इस मिलन ने उपस्थित जनसमूह को अभिभूत कर दिया। साध्वी सोमयशा जी ने अपने भावों को उद्गार रूप में प्रकट किया, वहीं साध्वी सरलयशा जी ने मधुर गीतिका के माध्यम से अपनी भावनाओं को प्रस्तुत किया। डॉ. मुनि पुलकित कुमार जी ने आत्मीयता के साथ आतिथ्य स्वीकारते हुए अपने भाव प्रकट किए। होली चातुर्मास कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से हुआ। महिला मंडल शिवमोग्गा द्वारा मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का मंगलमय प्रारंभ किया गया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष इदकराज मेहता, मंत्री चंदनमल जैन, ट्रस्ट अध्यक्ष भंवरलाल नाहर, चंद्रप्रकाश छाजेड़, स्थानीय युवक परिषद एवं महिला मंडल अध्यक्ष सुनीता बाफना ने अपने भावों की अभिव्यक्ति की। महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत आध्यात्मिक होली पर आधारित लघु नाटिका ने सभी दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। साध्वी डॉ. सरलयशा जी ने रंगों के जीवन में महत्व एवं उससे आने वाले सकारात्मक परिवर्तनों को रेखांकित करते हुए प्रयोगात्मक प्रस्तुति दी। साध्वी सोमयशा जी ने अपने उद्बोधन में होली पर्व के जैन धर्म में महत्व, ऋतु परिवर्तन से आने वाले शारीरिक एवं मानसिक बदलावों पर सारगर्भित विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने 'त्याग, संवर एवं निर्जरा' को अपनाने की प्रेरणा दी।