संयम स्वर्णोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

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गंगाशहर।

संयम स्वर्णोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

साध्वी दीपमाला जी के दीक्षा पर्याय के 50 वर्षों की पूर्णता पर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा शांति निकेतन में संयम स्वर्णोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी विशदप्रज्ञा जी, साध्वी लब्धियशा जी, 'शासनश्री' साध्वी मंजुप्रभा जी, 'शासनश्री' साध्वी शशिरेखा जी, 'शासनश्री' साध्वी कुंथुश्रीजी, साध्वी जिनबाला जी और साध्वी ललितकला जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी विशदप्रज्ञा जी ने कहा— संयम जीवन की एक घड़ी सांसारिक जीवन के एक करोड़ वर्षों के बराबर होती है। संयम का कोई मूल्य नहीं लगाया जा सकता। साध्वी दीपमाला जी अत्यंत सरल और विनम्र व्यक्तित्व की धनी हैं। वे हरियाणा की वीर पुत्री हैं।
अन्य साध्वियों ने भी अपने-अपने वक्तव्यों में साध्वी दीपमाला जी के जीवन से जुड़े संस्मरण सुनाए और उनके 50 वर्षों के संयम पर्याय पर शुभकामनाएँ प्रेषित की। साध्वी प्रशमयशा जी ने आचार्य श्री महाश्रमण जी से प्राप्त संदेश का वाचन किया, इसके साथ ही, उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमलकुमार जी द्वारा रचित गीतिका का संगान एवं मुक्तकों का पाठ किया। साध्वी कौशलप्रभा जी ने साध्वीप्रमुखाश्रीजी से प्राप्त संदेश का वाचन किया, जबकि साध्वी मल्लिकाश्रीजी ने शांति निकेतन की वयोवृद्ध साध्वी ज्ञानवती जी से प्राप्त संदेश को पढ़कर सुनाया। सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने साध्वी दीपमाला जी के संयम पर्याय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर समग्र तेरापंथ समाज द्वारा संकलित त्याग एवं तप की सूची को भेंट किया। साध्वी दीपमाला जी के परिवारजनों ने भी अपनी आध्यात्मिक श्रद्धा एवं त्याग-तप की भेंट समर्पित की। कार्यक्रम में साध्वी वृन्द ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत कर साध्वीश्री को बधाई दी।