आध्यात्मिक मिलन से तरंगित हुआ उत्साह और उमंग

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अमर नगर, जोधपुर।

आध्यात्मिक मिलन से तरंगित हुआ उत्साह और उमंग

तेरापंथ भवन में 'शासनश्री' साध्वी सत्यवतीजी एवं साध्वी अणिमाश्रीजी का आध्यात्मिक मिलन हुआ। विनय एवं वात्सल्य का अद्भुत नजारा देखकर श्रावक समाज भाव-विभोर हो गया। 'शासनश्री' साध्वी सत्यवती जी ने कहा आज अमर नगर में तेरापंथ धर्मसंघ की दो धाराओं का संगम हुआ है। तेरापंथ धर्मसंघ एक महासागर है। जब सागर में नदियां मिलती हैं तो सागर में लहरे उठने लगती हैं। आज हमारे मन सागर में उत्साह व उमंग की लहरे तरंगित हो रही हैं। साध्वी अणिमाश्री जी बहिर्विहार में पहली बार मिली हैं, ये प्रलम्ब यात्रा करने वाली साध्वी हैं। दूर देशों की यात्रा कर संघ के गौरव को बढ़ाया है। इनकी कार्यशली एवं प्रवचन शैली संघ प्रभावक है। जब हम उन कर्मजा शक्ति के बारे में सुनते हैं तो हमें सात्विक प्रसन्नता होती हैं। इन्होंने अपना भी विकास किया हैं एवं सहवर्ती साध्वियों का भी विकास करवाया है।
साध्वीश्री ने मंगलकामना के स्वरों में कहा - तुम अपने मन, वाक् एवं काय कौशल के द्वारा धर्मसंघ की प्रभावना करती रहो। साध्वी अणिमाश्रीजी ने कहा - श्रद्धा एवं समर्पण के द्वारा आस्था एवं निष्ठा के धरातल पर आसीन तेरापंथ धर्मसंघ बेजोड़ है। तेरापंथ धर्मसंघ जिनशासन के नीलगगन में सूरज बनकर चमक रहा है। हमारे आचार्य गण के महासूर्य हैं तो साधु-साध्वी संघ एवं संघपति की तेजस्वी किरणे हैं। संघ सूर्य की एक किरण के रूप में विराजमान 'शासनश्री' साध्वी सत्यवती जी के दर्शन पाकर हम पुलकित एवं प्रमुदित हैं। आपकी अनुभव संपदा अटूट है, आपके कर्तत्व की झांकी आज हम अमर नगर में देख रहे हैं। आप द्वारा निसृत वात्सल्य निर्झर में अवगाहन कर हम अभिभूत है। आपकी ऋजुता एवं सौम्यता हमारे प्रेरणा प्रदीप हैं। 'शासनश्री' एवं आगीवान बनने के बाद हम पहली बार मिले हैं। हम आपके चरणों में शुभ भावों की बधाई संप्रेषित करते हैं।
साध्वी पुण्यदर्शना जी साध्वी शशिप्रज्ञा जी वं साध्वी रोशनी प्रभाजी ने गीत के माध्यम से अभ्यागत साध्वियों का अभिनंदन किया। साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी डॉ सुधाप्रभाजी, साध्वी समत्व्यशाजी वं साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने विभिन्न रागिनियों में गुम्फित गीत के माध्यम से अपनी खुशी का इजहार किया। सरदारपुरा सभाध्यक्ष सुरेश जीरावला, संतोष जैन ने अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए आगन्तुक साध्वी वृन्द का स्वागत किया।